ऊँचे पर्वत चढ़कर जो,
तेरे मंदिर आते हैं,
मैया जी तेरी महिमा गाते है,
मैया जी तेरी महिमा गाते है,
महिमा गाते है,
मैया जी तेरे दर्शन पाते है ॥
है जगदम्बा महारानी,
तेरा नहीं कोई सानी,
तू रण में रणचंडी माँ,
तू मन में शीतल है माँ,
हो, तेरे आगे देव भी सारे,
शीश झुकाते है,
मैया जी तेरी महिमा गाते है,
मैया जी तेरी महिमा गाते है,
महिमा गाते है,
मैया जी तेरे दर्शन पाते है ॥
हाथ त्रिशूल सुहावे,
तेरा दर्शन मन भावे,
ये तेरी शेर सवारी,
बड़ी लागे है प्यारी,
हो, भक्त तेरे दर्शन करने,
दरबार में आते है,
मैया जी तेरी महिमा गाते है,
मैया जी तेरी महिमा गाते है,
महिमा गाते है,
मैया जी तेरे दर्शन पाते है ॥
करे जो तेरी भक्ति,
मिले भक्ति से शक्ति,
जो तुझसे लगन लगाए,
वो भवसागर तर जाए,
हो, तेरे धाम जो आते,
तुझमे ही रम जाते है,
मैया जी तेरी महिमा गाते है,
मैया जी तेरी महिमा गाते है,
महिमा गाते है,
मैया जी तेरे दर्शन पाते है ॥
सुनो माँ ज्योतावली,
तू सबकी है रखवाली,
शरण में हमको रखना,
नहीं माँ दूर करना,
हो, तेरे मंदिर में जो,
अर्जी लगाने आते है,
मैया जी तेरी महिमा गाते है,
मैया जी तेरी महिमा गाते है,
महिमा गाते है,
मैया जी तेरे दर्शन पाते है ॥
ऊँचे पर्वत चढ़कर जो,
तेरे मंदिर आते हैं,
मैया जी तेरी महिमा गाते है,
मैया जी तेरी महिमा गाते है,
महिमा गाते है,
मैया जी तेरे दर्शन पाते है ॥
वैशाखी न केवल सिख समुदाय के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह भारतीय नववर्ष और कृषि उत्सव के रूप में भी जाना जाता है। वैशाखी पर्व सामाजिक एकता और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक है।
भारत एक कृषि प्रधान देश है, और यहां के अधिकांश त्योहार फसलों और प्रकृति से जुड़े होते हैं। वैशाखी भी एक ऐसा ही महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में धूमधाम से मनाया जाता है।
वैशाखी भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे विशेष रूप से पंजाब और उत्तर भारत में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख महीना हिन्दू वर्ष का का दूसरा महीना होता है। यह महीना विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है।