चेन्नई का कपालेश्वर मंदिर, जहां पार्वती ने शिव को पाने के लिए की थी तपस्या
परिचय:
चेन्नई का कपालेश्वर मंदिर शिव और पार्वती को समर्पित एक प्राचीन हिंदू मंदिर है। मान्यता है कि यहां स्थित शिवलिंग स्वयं प्रकट हुआ था। इसे 12 ज्योतिर्लिंगों के बाद सबसे प्रमुख शिव मंदिरों में से एक माना जाता है।
मंदिर को ‘वेदपुरी’ भी कहा जाता है क्योंकि यहां चारों वेदों की पूजा की जाती है। इसे ‘शुक्रपुरी’ नाम भी दिया गया है क्योंकि यहां ऋषि शुक्राचार्य ने भगवान शिव की तपस्या की थी।
मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा
एक कथा के अनुसार, देवी पार्वती को एक श्राप के कारण मोर बनना पड़ा। अपने मूल स्वरूप में वापस आने के लिए उन्होंने इस स्थान पर कठोर तपस्या की। वर्षों तक शिवलिंग की पूजा करने के बाद उन्होंने अपना असली स्वरूप प्राप्त किया और भगवान शिव का सान्निध्य प्राप्त किया।
कैसे पहुंचे?
मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन (मायलापुर) है, जो मंदिर से लगभग 8 किमी दूर है। यहां से टैक्सी या कैब से मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।
समय:
सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक
शाम 4:00 बजे से रात 9:30 बजे तक