किसी भी व्यक्ति के लिए नया व्यापार शुरू करना जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। यह एक नई उम्मीद और सपनों की शुरुआत होती है। इसी कारण हर व्यवसायी अपनी दुकान की स्थापना के समय पूजा करता है।
भारत में, नई दुकान या व्यापार शुरू करने से पहले पूजा-पाठ करना एक परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि पूजा करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है और व्यापार में उन्नति होती है। साथ ही, इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मानसिक शांति मिलती है।
इस पूजा का मुख्य उद्देश्य व्यापार में आने वाली बाधाओं को दूर करना, धन-धान्य की प्राप्ति और व्यापार को सफल बनाना होता है। आइए, जानते हैं दुकान की स्थापना पूजा की विधि, महत्व और लाभ।
भारत में अधिकतर लोगों का विश्वास है कि पूजा करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है और व्यापार में सफलता मिलती है।
1. शुभ मुहूर्त का चयन करें: किसी भी कार्य की सफलता के लिए शुभ मुहूर्त देखना आवश्यक होता है। इसके लिए पंचांग या ज्योतिषी की सलाह लें।
2. पूजा स्थल की सफाई करें: जिस स्थान पर पूजा करनी हो, वहां साफ-सफाई करें और फूलों से सजाएं।
3. देवी-देवताओं की स्थापना करें:
4. पूजा सामग्री अर्पित करें:
5. मंत्रोच्चार करें:
6. आरती करें:
11 दिसंबर 2024 को मोक्षदा एकादशी के पावन अवसर पर शुक्र देव श्रवण नक्षत्र में गोचर करेंगे। शुक्र ग्रह को सुख, ऐश्वर्य, और भौतिक संपन्नता का कारक माना जाता है।
प्रत्येक एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इसी प्रकार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली मोक्षदा एकादशी को मोक्ष प्रदान करने वाली तिथि माना जाता है।
हिंदू धर्म में मोक्षदा एकादशी को अत्यंत शुभ और पुण्यकारी माना गया है। यह पर्व हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस वर्ष मोक्षदा एकादशी 11 दिसंबर 2024 को मनाई जाएगी।
मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती का विशेष संबंध सनातन धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है। मोक्षदा एकादशी, मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाई जाती है।