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फरवरी 2025 हिंदू कैलेंडर

फरवरी 2025 हिंदू कैलेंडर

February Hindu Calendar 2025: फरवरी में 14 दिन पड़ेंगे तीज-त्योहार, यहां देखें पूरी लिस्ट


फरवरी साल का दूसरा और सबसे छोटा महीना है। इसमें 28 दिन होते हैं, लेकिन लीप वर्ष में यह 29 दिन का होता है। यह महीना कई संस्कृतियों में विभिन्न कारणों से महत्वपूर्ण होता है। फरवरी सर्दी के मौसम के अंत और वसंत के आगमन का संकेत देता है। यह प्रकृति में नए जीवन के आगमन का समय होता है। अब ऐसे में फरवरी महीने में कुल 14 दिन तीज और त्योहार पड़ने वाले हैं।  आइए भक्त वत्सल के इस लेख में जानते हैं कि फरवरी महीने में कौन-कौन से त्योहार और व्रत पड़ रहे हैं।


फरवरी में आने वाले व्रत और त्योहार की पूरी लिस्ट यहां पढ़ें


  • 1 फरवरी 2025 - विनायक चतुर्थी
  • 2 फरवरी 2025 - बसंत पंचमी
  • 4 फरवरी 2025 - नर्मदा जयंती
  • 8 फरवरी 2025 - जया एकादशी
  • 9 फरवरी 2025 - प्रदोष व्रत
  • 12 फरवरी 2025 - माघ पूर्णिमा व्रत, कुंभ संक्रांति, गुरु रविदास जयंती
  • 13 फरवरी 2025 - फाल्गुन माह शुरू
  • 16 फरवरी 2025 - द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी
  • 20 फरवरी 2025 - शबरी जयंती
  • 21 फरवरी 2025 - जानकी जयंती
  • 24 फरवरी 2025 - विजया एकादशी
  • 25 फरवरी 2025 - प्रदोष व्रत
  • 26 फरवरी 2025 - महाशिवरात्रि
  • 27 फरवरी 2025 - फाल्गुन अमावस्या

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नागा साधुओं की उत्पत्ति कैसे हुई?

नागा साधु कुंभ मेले की शोभा बढ़ाने वाले अद्वितीय साधु हैं। जो नग्न रहते हैं और शस्त्र विद्या में निपुण होते हैं। ये साधु शैव अखाड़ों से जुड़े हैं और इनका जीवन कठोर तप और साधना से भरा होता है।

व्रत के दौरान फलाहार ही क्यों किया जाता है?

भारतीय संस्कृति में व्रत और उपवास का विशेष महत्व है। व्रत के दौरान लोग धान, गेहूं और मसालेदार भोजन से परहेज करते हुए फलाहार करते हैं।

शिवलिंग पर कच्चा दूध क्यों चढ़ाते हैं?

भगवान शिव के रुद्राभिषेक से लेकर साधारण पूजा तक उनको अर्पित की जाने वाली प्रत्येक सामग्री का विशेष ध्यान रखा जाता है। शास्त्रों में शिव को अर्पित होने वाली प्रत्येक सामग्री का महत्व बताया गया है।

गाय को माता क्यों कहा जाता है?

हिंदू धर्म में गाय को अत्यंत पूजनीय और पवित्र माना गया है। इसे केवल एक पशु नहीं, बल्कि मां का दर्जा दिया गया है। भारतीय समाज में गाय का स्थान इतना महत्वपूर्ण है कि इसकी पूजा की जाती है और इसे देवी का स्वरूप माना जाता है।

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