Aaj Ka Panchang 21 February 2025: पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी और नवमी तिथि है। वहीं आज शुक्रवार का दिन है। इस तिथि पर अनुराधा नक्षत्र और व्याघात योग का संयोग बन रहा है। वहीं आज चंद्रमा वृश्चिक राशि में मौजूद हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं। आपको बता दें, आज गुरुवार के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 04 मिनट से लेकर 12 बजकर 50 मिनट तक है। इस दिन राहुकाल सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक है। आज तिथि के हिसाब से आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा विधिवत रूप से करें। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति को धन लाभ हो सकता है। वहीं आज जानकी जयंती का व्रत भी रखा जाएगा। जो माता सीता को समर्पित है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज शुक्रवार के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से भाग्योदय हो सकता है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है और आज के दिन किन मंत्रों का जाप करने से लाभ हो सकता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, 21 फरवरी, 2025 एक महत्वपूर्ण दिन है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है, जिसे एक शुभ मुहूर्त माना जाता है। इस तिथि को दो विशेष और शुभ ज्योतिषीय योग बन रहे हैं, जो
इस दिन को और भी खास बना रहे हैं। ये दोनों योग बहुत ही फलदायी हैं। आपको बता दें, बुध-गुरु का केंद्र योग तब बनता है जब बुध और गुरु ग्रह एक दूसरे से केंद्र में स्थित होते हैं। इस योग को ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में मैत्रेय योग को ऋण का भुगतान करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। इस योग में लिए गए ऋण को चुकाना आसान होता है और यह आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है। इस योग से कुछ राशियों को लाभ हो सकता है।
21 फरवरी को अनुराधा नक्षत्र और व्याघात योग का दिव्य संयोग है। इस दिन चंद्रमा वृश्चिक राशि और सूर्य कुंभ राशि में गोचर करते हुए शुभ योग बना रहे हैं। आज शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा विधिवत रूप से करें। इस दिन व्रत जरूर रखें और माता लक्ष्मी की पूजा विधिवत रूप से करें और इस दिन जानकी जयंती का व्रत भी रखा जाएगा। जो माता सीता को समर्पित है। अगर किसी व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में कोई परेशानी आ रही है तो आज के दिन कुछ उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
आज अनुराधा नक्षत्र है, जो कि बहुत ही शुभ नक्षत्र माना जाता है। आज शुक्रवार है, जो माता लक्ष्मी को समर्पित है। आज फाल्गुन कृष्ण पक्ष की अष्टमी और नवमी तिथि है। आज जानकी जयंती है। आज सर्वार्थ सिद्धि योग भी है। सर्वार्थ सिद्धि योग आज का एक और शुभ संयोग है, जो किसी भी कार्य को करने के लिए अनुकूल है। राहुकाल से बचने के लिए महत्वपूर्ण कार्यों को शुभ मुहूर्त में करना चाहिए।
सनातन परंपरा के अनुसार संसार में अब तक चार युग हुए हैं। इन चार युगों को सतयुग, त्रेता युग, द्वापर युग और कलि युग कहा गया है। संसार का आरंभ सतयुग से हुआ। त्रेता युग में विभिन्न देवताओं ने विभिन्न अवतारों के साथ धर्म की रक्षा की। इसमें प्रमुख रूप से रामावतार में भगवान विष्णु ने धर्म की स्थापना की और पापियों का नाश किया।
त्रेता युग में भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में अवतार लिया। रामावतार श्री हरि विष्णु के परमावतारों में से एक है। श्री राम अवतार में भगवान ने मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में सांसारिक लीलाएं की और रावण का वध कर संसार को पापों से मुक्ति दिलाई और धर्म की स्थापना की।
शंख सनातन धर्म में सभी धार्मिक और वैदिक कार्यों की पूजन सामग्री का अभिन्न हिस्सा। हमारे पूजा पाठ में शंख का विशेष स्थान है। मान्यता है कि शंख सुख-समृद्धि और सौभाग्यदायी हैं इसलिए भारतीय संस्कृति में मांगलिक चिह्न के रूप में सर्वमान्य भी है।
सपनों की दुनिया बहुत विचित्र है। हमारे धार्मिक ग्रंथों से लेकर आज के विज्ञान तक में सपनों को समझने और उनके बारे में जानकारी देने की कोशिश की गई है। लेकिन सपनों का रहस्य आज भी एक रहस्य ही बना हुआ है।