Aaj Ka Panchang 21 April 2025: आज 21 अप्रैल 2025 वैशाख माह का नवां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार वैशाख माह के कृष्ण पक्ष तिथि अष्टमी है। आज सोमवार का दिन है। इस तिथि पर साध्य योग रहेगा। वहीं चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज सोमवार के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। इस दिन राहुकाल सुबह 07 बजकर 12 मिनट से सुबह 09 बजकर 05 मिनट तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप सोमवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान शिव को समर्पित होता है। आज के दिन कोई त्योहार नहीं है, लेकिन आज सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
वैशाख कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि प्रारंभ - 20 अप्रैल शाम 07:00 बजे
वैशाख कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि समाप्त - 21 अप्रैल शाम 06:58 बजे
सूर्य - मेष राशि में रहेंगे।
चंद्र - चंद्र मकर राशि में रहेंगे।
सोमवार - आज आप सोमवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान शिव को समर्पित है।
21 अप्रैल को साध्य योग बन रहा है। साध्य को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये श्रेष्ठ माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से आपको अपने जीवन में सफलता, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति हो सकती है। आज के दिन दान-पुण्य करने से आपको पुण्य मिलेगा और आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे।
सोमवार के उपाय - सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और फिर शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव की पूजा करें। उन्हें जल, दूध और फूल चढ़ाएं। इसके अलावा आप शिव चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं। सोमवार के दिन व्रत रखना भी बहुत शुभ माना जाता है। इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
आज उत्तराषाढा नक्षत्र है। उत्तराषाढा को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये श्रेष्ठ माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। साथ ही वैशाख माह चल रहा है। वैशाख का महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है, इसलिए इस माह श्री हरि की पूजा विधिवत करे। साथ ही आज वार कि हिसाब से आप भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं। आज दोपहर बाद से सर्वार्थ सिद्धि योग बना रहेगा।
मन में बसाकर तेरी मूर्ति,
उतारू में गिरधर तेरी आरती ॥
मन की मुरादें, पूरी कर माँ,
दर्शन करने को मैं तो आउंगी ।
मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,
मिल जाओगे आप कहीं ना कहीं ।
मन तड़पत हरि दर्शन को आज
मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज