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11 May 2025 Panchang (11 मई 2025 का पंचांग)

11 May 2025 Panchang (11 मई 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 11 मई 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह


 Aaj Ka Panchang 11 May 2025: आज 11 मई 2025 वैशाख माह का 29वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष तिथि चतुर्दशी है। आज रविवार का दिन है। इस तिथि पर व्यतीपात योग रहेगा। वहीं चंद्रमा तुला राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज रविवार के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:51 बजे से दोपहर 12:45 बजे तक रहेगा। इस दिन राहुकाल शाम 05 बजकर 21  मिनट से शाम 07 बजकर 03 मिनट तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप रविवार का व्रत रख सकते हैं, जो सूर्य देव को समर्पित होता है। आज नृसिंह जयंती और छिन्नमस्किा जयंती है। साथ ही आज रवि योग बन रहा है। इस दिन कुछ समय के लिए भद्रा का साया भी रहेगा। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 


आज का पंचांग 11 मई 2025

  • तिथि - वैशाख शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि  
  • नक्षत्र - स्वाती
  • दिन/वार- रविवार
  • योग- व्यतीपात
  • करण- गर और वणिज 

वैशाख शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि प्रारंभ-  10 मई शाम 05:29 बजे 

वैशाख शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि समाप्त-  11 मई रात्रि 08:01 बजे 


सूर्य-चंद्र गोचर

  • सूर्य - मेष राशि में रहेंगे। 
  • चंद्र - चंद्रमा तुला राशि में रहेंगे।


सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त

  • सूर्योदय - सुबह 5 बजकर 33 मिनट पर 
  • सूर्यास्त -  शाम 7 बजकर 03 मिनट पर 
  • चन्द्रोदय - शाम 6 बजकर 01 मिनट पर 
  • चन्द्रास्त -  12 मई को प्रात:काल 04 बजकर 56 मिनट पर 


आज का शुभ मुहूर्त और योग 11 मई 2025


  • रवि योग -  दोपहर 01:27 बजे से 12 मई प्रात:काल 05:32 बजे तक।
  • ब्रह्म मुहूर्त -  प्रात:काल 04:09 बजे से सुबह 04:51 बजे तक।
  • अभिजीत मुहूर्त -  सुबह 11:51 बजे से दोपहर 12:45 बजे तक।
  • अमृत काल -  रात्रि 08:22 बजे से रात्रि 10:10 बजे तक।
  • विजय मुहूर्त   -  दोपहर 02:33 बजे से दोपहर 03:27 बजे तक। 
  • गोधूलि मुहूर्त  - शाम 07:01 बजे से शाम 07:22 बजे तक।
  • संध्या मुहूर्त - शाम 07:03 बजे से रात्रि 08:05 बजे तक।


आज का अशुभ मुहूर्त 11 मई 2025

  • राहु काल  - शाम 05:21 बजे से शाम 07:03 बजे तक।
  • गुलिक काल -  दोपहर 03:40 बजे से शाम 05:21 बजे तक।
  • यमगंड -  दोपहर 12:18 बजे से दोपहर 01:59 बजे तक।
  • दिशाशूल - पश्चिम, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
  • वर्ज्य -  सुबह 09:34 बजे से सुबह 11:22 बजे तक।
  • भद्रा - रात्रि 08:01 बजे से 12  मई प्रात:काल 05:32 बजे तक।
  • आडल योग -  प्रात:काल 05:33 बजे से दोपहर 01:27 बजे तक। 
  • विडाल योग - दोपहर 01:27 बजे से 12 मई प्रात:काल 05:32 बजे तक। 


11 मई 2025 पर्व/त्योहार/व्रत

  • रविवार का व्रत - आज आप रविवार का व्रत रख सकते हैं, जो सूर्य देव को समर्पित है। 
  • नृसिंह जयंती - नृसिंह जयंती वैशाख शुक्ल चतुर्दशी को मनाई जाती है, जब भगवान विष्णु ने राक्षस हिरण्यकशिप का वध करने के लिए नृसिंह अवतार लिया था। इस व्रत के दौरान भक्त एक समय भोजन ग्रहण करते हैं और अनाज तथा धान्य का सेवन वर्जित है। भगवान नृसिंह का पूजन मध्याह्न के दौरान संकल्प ग्रहण करने और सूर्यास्त से पूर्व सायंकाल में किया जाता है। व्रत में रात्रि जागरण करने और अगले दिन प्रातः विसर्जन पूजा करने का सुझाव दिया जाता है। व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद चतुर्दशी तिथि समाप्त होने पर किया जाता है और ब्राह्मण को दान देने के बाद व्रत खोला जाता है।
  • छिन्नमस्तिका जयंती - देवी छिन्नमस्तिका जयंती वैशाख शुक्ल चतुर्दशी को मनाई जाती है, जो दस महाविद्या देवियों में से छठवीं देवी हैं। वह काली कुल से सम्बन्धित हैं और कबन्ध शिव की शक्ति हैं। देवी छिन्नमस्तिका का स्वरूप अत्यन्त उग्र एवं भयंकर है। इनकी उपासना तांत्रिकों, योगियों तथा अघोरियों द्वारा की जाती है। उनकी पूजा-अर्चना से व्यक्ति जीवभाव से मुक्त हो शिवभाव को प्राप्त कर लेता है और परमात्मा के परमानन्द की अनुभूति करता है। देवी छिन्नमस्तिका की आराधना शाक्त, बौद्ध तथा जैन समुदाय के अनुयायियों द्वारा की जाती है और उनकी साधना का निर्देश मात्र योग्य साधकों हेतु ही दिया गया है।


आज का उपाय 11 मई  2025

11 मई को व्यतीपात योग बन रहा है। व्यतीपात की सम्पूर्ण अवधि को सभी अच्छे कार्यों के लिये अशुभ माना जाता है। इसीलिये यह अच्छे मुहूर्त में वर्जित है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से आपको अपने जीवन में सफलता, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति हो सकती है। आज के दिन दान-पुण्य करने से आपको पुण्य मिलेगा और आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे। 

  • रविवार के उपाय - रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। इस दिन सूर्य देव को जल चढ़ाने, तांबे के बर्तन में जल भरकर उसमें लाल फूल, अक्षत और रोली डालकर सूर्य देव को अर्घ्य देने से विशेष लाभ मिलता है। इसके अलावा रविवार के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने, सूर्य देव के मंत्र "ऊं सूर्याय नमः" या "ऊं घृणि सूर्याय नमः" का जप करने से भी विशेष लाभ मिलता है। रविवार के दिन गुड़ और तांबे के दान का भी विशेष महत्व है। इन उपायों को करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता मिलती है।
  • नृसिंह जयंती के उपाय - नृसिंह जयंती के दिन भगवान नृसिंह की पूजा करने से शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति आती है। इस दिन भगवान नृसिंह के मंत्रों का जप करने, उनकी आरती करने और उन्हें पीले फूल चढ़ाने से विशेष लाभ होता है। इसके अलावा, इस दिन व्रत रखने और दान-पुण्य करने से भी पुण्य फल की प्राप्ति होती है। नृसिंह जयंती के दिन भगवान नृसिंह की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्तों को उनकी पूजा और साधना करनी चाहिए।
  • छिन्नमस्तिका जयंती के उपाय - छिन्नमस्तिका जयंती के दिन देवी छिन्नमस्ता की पूजा करने से शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। इस दिन देवी छिन्नमस्ता के मंत्रों का जप करने, उनकी आरती करने और उन्हें लाल फूल चढ़ाने से विशेष लाभ होता है। इसके अलावा इस दिन तांत्रिक पूजा या साधना करने से भी विशेष शक्ति और सिद्धि प्राप्त होती है। देवी छिन्नमस्ता की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्तों को उनकी पूजा और साधना करनी चाहिए।


11 मई 2025 आज के पंचांग का महत्व

आज स्वाती नक्षत्र है। स्वाती को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये श्रेष्ठ माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। वैशाख का महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है, इसलिए इस माह श्री हरि की पूजा विधिवत करे। साथ ही आज वार कि हिसाब से सूर्य देव की पूजा करने का विधान है। आज नृसिंह जयंती और छिन्नमस्किा जयंती है। साथ ही आज रवि योग बन रहा है। इस दिन कुछ समय के लिए भद्रा का साया भी रहेगा।


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श्री राम स्तुति : श्री रामचन्द्र जी की आरती (Shri Ramchandra Ji Ki Aarti)

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नव कंज लोचन, कंज मुख कर, कंज पद कंजारुणम्॥

आरती भगवान श्री रघुवरजी की (Aarti Bhagwan Shri Raghuvar Ji Ki)

आरती कीजै श्री रघुवर जी की, सत् चित् आनन्द शिव सुन्दर की।
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शिवशंकर जी की आरती

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अविकारी, अविनाशी, अज, अंतर्यामी ॥

श्री रघुपति जी की वंदना (Shri Raghupati Ji Ki Vandana)

बन्दौं रघुपति करुना निधान, जाते छूटै भव-भेद ग्यान॥
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