ग्वालियर के आनंद नगर में सन् 1992 में स्थानीय निवासियों द्वारा मंदिर की स्थापना की गई थी। मंदिर के गर्भगृह में श्री गिरिराज जी महाराज के साथ नंदी, शिवलिंग और मां भगवती स्थापित हैं। इसके साथ ही भक्तों की सुविधा के लिए वट, पीपल, केला एवं तुलसी के पवित्र पेड़ भी उपस्थित हैं। जन्माष्टमी इस मंदिर का सबसे प्रसिद्ध और मनाया जाने वाला त्योहार है। ग्वालियर में आनंद नगर के स्थानीय निवासियों की भगवान श्री कृष्ण के गिरिराज स्वरूप के प्रति आस्था का जीता जागता प्रमाण है श्री गिरिराज धाम और उसके चारों ओर फैली दिव्यता। यहां प्रत्येक वर्ष 16 जून को पूज्य गुरुजी श्री हरिनाम हरिहर जी की पुण्य स्मृति में अखंड रामायण के पाठ का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन में भक्त बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। बता दें कि गिरिराज धाम से लगभग 700 मीटर की दूरी पर आनंद नगर का सबसे प्रसिद्ध पहुआ वाली माता मंदिर स्थित है। यह मंदिर भी बहुत लोकप्रिय है।
अगर आप भी मंदिर के दर्शन करना चाहते है तो बता दें कि मंदिर में प्रवेश निःशुल्क है। मंदिर की विशेषता है कि यहां प्रसाद, वाटर कूलर, जूता स्टोर, वॉशरूम, बैठने की बेंच, म्यूजिक एसी, पार्किंग, प्रसाद शॉप, वाटर कूलर और बच्चों के लिए पार्क जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
यह मंदिर गिर्राज पार्क, ब्लॉक बी, बहोड़ापुर, आनंद नगर ग्वालियर मध्य प्रदेश में स्थित है। यहां पहुंचने का निकटतम रेलवे स्टेशन ग्वालियर है।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है। वहीं आज गुरुवार का दिन है। इस तिथि पर रोहिणी नक्षत्र और विष्कुम्भ योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा वृषभ राशि में संचार कर रहे हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
हिंदू धर्म में पांच विशेष दिन माने गए हैं जिन्हें अबुझ मुहूर्त कहा जाता है। इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य बिना शुभ मुहूर्त देखे किया जा सकता है। हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त का बहुत महत्व है। खासकर विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए।
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य या मांगलिक कार्य को शुरू करने से पहले मुहूर्त का ध्यान रखा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर महीने में एक ऐसा समय आता है जो अशुभ माना जाता है? जी हां, हम बात कर रहे हैं पंचक काल के बारे में, जो हर महीने में आता है। इसकी अवधि 5 दिनों की होती है, जिसमें कोई शुभ कार्य नहीं किया जाना चाहिए।
हिंदू धर्म में खरमास का विशेष महत्व है, जो एक महीने की अवधि के लिए अशुभ माना जाता है। इस दौरान विवाह समेत किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।