धनतेरस पर खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है। हालांकि इस दिन कुछ विशेष चीजें को खरीदने से परहेज रखना चाहिए। सनातन धर्म में हर एक चीज का अपना महत्व है। हर शुभ और अशुभ के अपने अलग-अलग संकेत हैं। ऐसे में जहां धनतेरस के दिन खरीदारी करने का विशेष महत्व है। वही कुछ चीजें हैं जिन्हें इस दिन खरीदना अशुभ माना गया है। आगे कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में बताया गया है।
धनतेरस के दिन कांच के बर्तन नहीं खरीदने चाहिए। मान्यता के अनुसार कांच का संबंध राहु से होता है। ऐसे में धनतेरस के दिन कांच के बर्तन खरीदने से आर्थिक संकट आता है।
धनतेरस के दिन प्लास्टिक से बनी चीजों की खरीदारी भी नहीं करनी चाहिए। इन्हें भी अशुभ माना गया है। मान्यता है कि प्लास्टिक प्राचीन या देवकाल की वस्तु नहीं है। ऐसे में धनतेरस पर इसकी खरीदारी भी निषेध बताई गई है।
धनतेरस के दिन चाकू, कैंची, सुई जैसी धारदार और नुकीली चीजों की खरीदारी भी नहीं करनी चाहिए। ये घर में दरिद्रता और कलह का कारण बन सकती हैं।
धनतेरस के दिन धातुओं में लोहे की चीजों की खरीदारी की भी मनाही है। लोहा खरीदने से कुबेर देवता नाराज होते हैं। वहीं इस दिन एल्युमिनियम और स्टील के बर्तन भी नहीं खरीदने चाहिए।
इनके अलावा, धनतेरस पर आर्टिफिशियल ज्वेलरी खरीदना अशुभ माना जाता है।
धनतेरस के दिन काले रंग के कपड़े नहीं खरीदने चाहिए। काला रंग अपशगुन और अनिष्टकारी माना गया है।
यह व्रत अति प्राचीन है। इसका प्रचलन महाभारत से भी पूर्व का है। यह व्रत सौभाग्यवती महिलाओं के लिए उत्तम माना गया है।
भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी का किया जाने वाला व्रत
ज्येष्ठमास की पूर्णिमा को किया जाने वाला व्रत
ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए। मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥