Aaj Ka Panchang 9 February 2025: आज 09 फरवरी 2025 माघ माह का 27वां दिन का है और आज इस पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। वहीं आज रविवार का दिन है। इस तिथि पर विष्कुम्भ योग का संयोग बन रहा है। वहीं आज चंद्रमा कर्क राशि में मौजूद हैं। आपको बता दें, आज रविवार के दिन अभिजीत मुहूर्त है। जो दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 03 मिनट तक है। इस दिन राहुकाल शाम 4 बजकर 51 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 15 मिनट तक है। आज तिथि के हिसाब से आप रविवार का व्रत रख सकते हैं। जो सूर्यदेव को समर्पित है और आज ही रवि प्रदोष व्रत रखा जाएगा। यह भगवान शिव को समर्पित है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से भाग्योदय हो सकता है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है और आज के दिन किन मंत्रों का जाप करने से लाभ हो सकता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, आगामी 6 से 9 फरवरी के मध्य कई महत्वपूर्ण खगोलीय घटनाएं होने जा रही हैं। इन दिनों में सूर्य, बुध, मंगल, शुक्र और शनि जैसे प्रभावशाली ग्रह एक साथ गोचर करेंगे, जिससे ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थिति उत्पन्न होगी।
9 फरवरी को विष्कुम्भ योग का दिव्य संयोग है। इस दिन चंद्रमा कर्क राशि में गोचर करते हुए शुभ योग बना रहे हैं। इस शुभ योग में भाग्योदय हो सकता है। आज 9 फरवरी को माघ मास का रविवार का दिन है और इस दिन रविवार का व्रत और त्रयोदशी तिथि (रवि प्रदोष व्रत) का व्रत रखा जाएगा। इसलिए आप आज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। साथ ही इस दिन व्रत रखें और दान-पुण्य विशेष रूप से करें।
आज माघ शुक्ल पक्ष की द्वादशी और त्रयोदशी तिथि है। यह तिथि भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। साथ ही आज सूर्यदेव की पूजा करने का भी विधान है। आज आद्रा और पुनर्वसु नक्षत्र है। आज त्रिपुष्कर योग भी है। यह योग बहुत ही शुभ माना जाता है। इस योग में किए गए सभी कार्य सफल होते हैं।आज चंद्रमा कर्क राशि में है। कर्क राशि में चंद्रमा होने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है। आज रवि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इतना ही नहीं, आज सूर्यदेव की पूजा अवश्य करें। सूर्यदेव की पूजा करने से मान-सम्मान में वृद्धि हो सकती है।
जब हिरण्याक्ष का वध करने ब्रह्मदेव की नाक से निकले भगवान वराह, जानिए क्यों मनाई जाती है वराह जयंती
तिरुमाला में नारियल पानी से होता है भगवान वराह का अभिषेक, वराह जयंती पर जानिए देश के प्रसिद्ध वराह मंदिरों के बारे में….
भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला ऋषि पंचमी पर्व हमारे जीवन में पवित्रता और ज्ञान का संगम है।
हिंदू धर्म में व्रत रखना एक महत्वपूर्ण परंपरा है। ये हमें अपने जीवन को सुधारने और आध्यात्म से जुड़ने के लिए प्रेरित करती है साथ ही हमारे शरीर का संतुलन भी बना रहता है।