Logo

वामन द्वादशी 2025 कब है

वामन द्वादशी 2025 कब है

Vaman Dwadashi 2025: वामन द्वादशी कब मनाई जाएगी, जानिए तिथि, मुहूर्त, पौराणिक कथा और महत्व

भगवान विष्णु को समर्पित पवित्र वामन द्वादशी वर्ष में दो बार मनाई जाती है। एक बार चैत्र मास की शुक्ल द्वादशी तिथि को, तथा दूसरी बार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को। आपको बता दें कि वामन भगवान विष्णु के दस अवतारों में से 5वें अवतार हैं।


वामन जयंती भगवान विष्णु के वामन रूप में अवतरण दिवस के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। वामन जयंती वर्ष में दो बार मनाई जाती है, एक बार चैत्र मास की शुक्ल द्वादशी तिथि को, और दूसरी बार भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को। भागवत पुराण के अनुसार वामन भगवान विष्णु के दस अवतारों में से पांचवें अवतार थे और त्रेता युग में प्रथम अवतार थे।

वामन द्वादशी व्रत से जुड़ी पौराणिक कथा 

वामन अवतार को भगवान विष्णु का प्रमुख अवतार माना जाता है। श्रीमद्भागवत पुराण में वामन अवतार का उल्लेख मिलता है। कथा के अनुसार एक बार देवताओं तथा दानवों में युद्ध हुआ। इस युद्ध में देवता दैत्यों से पराजित होने लगे। दैत्यों ने अमरावती पर आक्रमण करना शुरू कर दिया, तब इंद्र भगवान विष्णु के पास गए और मदद की गुहार लगाने लगे। तब भगवान विष्णु ने मदद का वादा किया और कहा कि वे वामन का रूप धारण कर माता अदिति के गर्भ से जन्म लेंगे। दैत्यों के राजा बलि द्वारा देवताओं की पराजय के कारण कश्यप जी ने अदिति से पुत्र प्राप्ति के लिए पयोव्रत का अनुष्ठान करने को कहा। तब भादो माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को भगवान वामन ने अदिति के गर्भ से अवतार लेते हैं और ब्राह्मण का रूप धारण करते हैं।

वामन देव की पूजा का महत्व

वामन देव की पूजा का हिंदुओं में बहुत महत्व है। भगवान वामन श्री हरि के अवतार हैं, जो ब्राह्मण के रूप में धरती पर प्रकट हुए थे। उन्होंने देवताओं और दैत्यों के बीच शक्ति संतुलन बनाए रखने के लिए अवतार लिया था। वामन द्वादशी के दिन वामन देव की पूजा की जाती है। यह एक ऐसा दिन है जो बुराई पर अच्छाई और अहंकार पर भक्ति की जीत का प्रतीक है। 


मान्यता है कि इस दिन भगवान वामन की पूजा करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उनके पिछले जन्म के सभी पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं। इसके अलावा भगवान विष्णु उन्हें सभी सांसारिक सुख और खुशियां प्रदान करते हैं।

वामन द्वादशी का शुभ मुहूर्त

  • वामन द्वादशी व्रत 09 अप्रैल 2025 बुधवार को शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को रखा जाएगा।
  • द्वादशी तिथि 08 अप्रैल को रात 09:12 बजे शुरू होगी।
  • द्वादशी तिथि 09 अप्रैल को रात 10:55 बजे समाप्त होगी।

........................................................................................................
तेरी महिमा सभी ने बखानी(Teri Mahima Sabhi Ne Bakhani )

तेरी महिमा सभी ने बखानी,
दया हमपे करो अम्बे रानी ॥

तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे बलिहार(Teri Mand Mand Mushakniya Pe Balihar)

तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,
बलिहार संवारे जू ।

तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तु ही जाने(Teri Maya Ka Na Paya Koi paar ki Leela Teri Tu Hi Jaane)

तेरी माया का ना पाया कोई पार,
की लीला तेरी तु ही जाने,

तेरी मुरली की मैं हूँ गुलाम(Teri Murli Ki Main Huun Gulaam Mere Albele Shyam)

तेरी मुरली की मैं हूँ गुलाम, मेरे अलबेले श्याम
अलबेले श्याम मेरे मतवाले श्याम ॥

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang