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उज्जैनी में बाबा ने ऐसा, डमरू बजाया (Ujjaini Me Baba Ne Esa Damru Bajaya)

उज्जैनी में बाबा ने ऐसा, डमरू बजाया  (Ujjaini Me Baba Ne Esa Damru Bajaya)

उज्जैनी में बाबा ने ऐसा,

डमरू बजाया,

मैं सुध बुध भूल आया,

कितना प्यारा उज्जैनी,

यहां दरबार सजाया,

मैं सुध बुध भूल आया ॥


सुनाने को बाबा मैं,

ऐसा सुनाऊंगा,

भजनों से भोले मैं जो,

तुमको रिझाऊंगा,

डमरू की धुन में,

बाबा ऐसा नाद बजाया,

मैं सुध बुध भूल आया।

उज्जैनी मे बाबा ने ऐसा,

डमरू बजाया,

मैं सुध बुध भूल आया ॥


करूंगा मैं सेवा तेरी,

चरण पखारूंगा,

नैनो से भोले मैं हाँ,

तुमको निहारूंगा,

‘दीपक दास’ ने,

महाकाल तुम्हारा,

ही गुण गाया,

मैं सुध बुध भूल आया।

उज्जैनी मे बाबा ने ऐसा,

डमरू बजाया,

मैं सुध बुध भूल आया ॥


उज्जैनी में बाबा ने ऐसा,

डमरू बजाया,

मैं सुध बुध भूल आया,

कितना प्यारा उज्जैनी,

यहां दरबार सजाया,

मैं सुध बुध भूल आया ॥

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सात्विक मंत्र के क्या लाभ है?

सात्विक मंत्रों का जाप हमारे जीवन को सकारात्मकता और शांति से भर सकता है। ये मंत्र न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होते हैं, बल्कि मन की अशांति और नकारात्मक विचारों को भी दूर करते हैं।

नवंबर में इस दिन रखा जाएगा प्रदोष व्रत

प्रदोष व्रत एक महत्वपूर्ण हिंदू व्रत है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भक्त भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और उनके निमित्त प्रदोष व्रत रखते हैं।

शाबर मंत्र पढ़ने के लाभ

शाबर मंत्र भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इन मंत्रों की रचना ऋषि-मुनियों और सिद्ध महात्माओं ने साधारण भाषा में की थी, ताकि हर व्यक्ति इन्हें समझ सके और उपयोग कर सके।

गुरू प्रदोष व्रत की पूजा विधि

प्रदोष व्रत सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। हर महीने दो प्रदोष व्रत और पूरे साल में 24 व्रत होते हैं।

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