ठुमक चलत रामचंद्र,
ठुमक चलत रामचंद्र,
बाजत पैंजनियां,
ठुमक चलत रामचंद्र,
बाजत पैंजनियां,
ठुमक चलत रामचंद्र
किलकि-किलकि उठत धाय
किलकि-किलकि उठत धाय,
गिरत भूमि लटपटाय
धाय मात गोद लेत,
दशरथ की रनियां
ठुमक चलत रामचंद्र,
बाजत पैंजनियां
ठुमक चलत रामचंद्र..
अंचल रज अंग झारि
अंचल रज अंग झारि,
विविध भांति सो दुलारि
विविध भांति सो दुलारि
तन मन धन वारि-वारि,
तन मन धन वारि
तन मन धन वारि-वारि,
कहत मृदु बचनियां
ठुमक चलत रामचंद्र,
बाजत पैंजनियां
ठुमक चलत रामचंद्र..
विद्रुम से अरुण अधर
विद्रुम से अरुण अधर,
बोलत मुख मधुर-मधुर
बोलत मुख मधुर-मधुर
सुभग नासिका में चारु,
लटकत लटकनियां
ठुमक चलत रामचंद्र,
बाजत पैंजनियां,
ठुमक चलत रामचंद्र..
तुलसीदास अति आनंद
तुलसीदास अति आनंद,
देख के मुखारविंद
देख के मुखारविंद
रघुवर छबि के समान
रघुवर छबि के समान,
रघुवर छबि बनियां
ठुमक चलत रामचंद्र
ठुमक चलत रामचंद्र,
बाजत पैंजनियां
ठुमक चलत रामचंद्र
हिंदू धर्म में नवरात्रि का काफी महत्व है। ऐसे में आषाढ़ नवरात्र की शुरुआत 6 जुलाई 2024 से हो रही है जिसका समापन 15 जुलाई को होगा।
सनातन परंपरा के अनुसार पृथ्वी पर जहां-जहां सती के अंग या फिर उनसे जुड़ी चीजें वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां- वहां शक्तिपीठ बन गए।
गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है।
गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं का पूजन किए जाने का विधान है। गुप्त नवरात्र का पर्व गृहस्थ से ज्यादा तंत्र, साधना कर्म और योग क्रियाओं के लिए बहुत सही समय माना जाता है।