गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इन नौं दिनों में अगर व्रत रखा जाए तो पुरानी से पुरानी और बडी़ से बड़ी बीमारी से मुक्ति पाई जा सकती है। माता के इस स्वरुपों को खुश करने के लिए विधि-विधान से पूजा की जाती है। माता के प्रसन्न होने पर भक्तों को मनचाहा पल मिलता है। गुप्त नवरात्र में लाभ पाने के लिए हम आपको 5 मंत्र बताने जा रहे हैं जिनेक जाप से आप मां का खुश कर सकते हैं।
1- "हे गौरी शंकरार्धांगी, यथा त्वं शंकर प्रिया। तथा मां कल्याणीस कान्त कान्तां सुदुर्लभाम।।" गुप्त नवरात्र के किसी भी दिन माता पार्वती पर जल या दूध चढ़ाकर इस मंत्र का जाप करने से मनपसंद वर की प्राप्ति होती है।
2- "सब नर करहिं परस्पर प्रीति। चलहिम स्वधर्म निरत श्रुति नीति।।" गुप्त नवरात्र के हर दिन इस चौपाई को करने से जीवनसाथी के बीच चल रही अनबन खत्म हो जाएगी।
3- “ऊँ ह्लीं वाग्वादिनी भगवती मम कार्य सिद्धि कुरु कुरु फट् स्वाहा।” गुप्त नवरात्रि के किसी भी दिन सुबह स्नान करके 31 बार इस मंत्र का जाप करने से आपकों नौकरी में सफलता मिलेगी।
4- "श्रीं ह्लीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:।" इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है। जिससे जीवन में धन धान्य की कमी नहीं होती है।
5- "ऊं शं शंकराय सकल-जन्माजिर्त-पाप-विंध्वंसनाय, पुरुषार्थ-चतुष्टय-लाभाय च पतिं में देहि कुरु कुरु स्वाहा।।" इस मंत्र के जाप से जल्द ही विवाह का योग बनता है। विवाह में आ रही सभी बाधाएं दूर होती है।
मेरे मन मंदिर में तुम भगवान रहे,
मेरे दुःख से तुम कैसे अनजान रहे
दुर्गा सप्तशती का पाठ देवी दुर्गा की कृपा पाने का एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली माध्यम है। इसे 'चंडी पाठ' के नाम से भी जाना जाता है। दुर्गा सप्तशती में 700 श्लोक हैं, जो देवी दुर्गा की महिमा, उनकी विजय और शक्ति का वर्णन करते हैं।
मेरे ओ सांवरे,
तूने क्या क्या नहीं किया,
मेरी अखियाँ तरस रही,
भोले का दीदार पाने को,