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तेरे दर पे ओ मेरी मईया(Tere Dar Pe O Meri Maiya)

तेरे दर पे ओ मेरी मईया(Tere Dar Pe O Meri Maiya)

तेरे दर पे ओ मेरी मईया,

तेरे दीवाने आए हैं,

भर दे झोली मईया भोली,

बिगड़ी बनाने आए हैं,

तेरे दर पे ओ मेरी मैया,

तेरे दीवाने आए हैं ॥


हो जाए करम उसपे जपे,

जो तेरी माला,

तू चाहे तो खुल जाए,

तकदीर का ताला,

माँ की ज्योति से,

नूर मिलता है,

चैन मिलता है,

सुरूर मिलता है,

जो भी आता है,

मईया जी तेरे दर पे,

कुछ ना कुछ तो,

जरूर मिलता है,

अपने भक्तों से,

तू तो प्यार करें,

बेटा रूठे ना,

इतनी दुलार करें,

ममता तेरे आंचल का माँ,

हम तो पाने आए हैं,

तेरे दर पें ओं मेरी मईया,

तेरे दीवाने आए हैं ॥


तेरे दर पे माँ भिखारी भी,

धनवान हो जाए,

निर्बल भी शक्ति पाके,

तो बलवान हो जाए,

माँ गिरते को,

तुमने थाम लिया,

बेसहारों को भी सहारा दिया,

उसके किस्मत सवर गई,

जिसने सच्चे दिल से मईया जी,

तेरा नाम लिया,

अर्जी सुन ले तू,

बेटे की मैया,

पार लगा दे तू,

जीवन की नैया,

हाले दिल अपना ओ मईया,

तुझको सुनाने आए है,

भर दे झोली मईया भोली,

बिगड़ी बनाने आए हैं,

तेरे दर पें ओं मेरी मईया,

तेरे दीवाने आए हैं ॥


तेरे दर पे ओ मेरी मईया,

तेरे दीवाने आए हैं,

भर दे झोली मईया भोली,

बिगड़ी बनाने आए हैं,

तेरे दर पे ओ मेरी मैया,

तेरे दीवाने आए हैं ॥

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माता जानकी के जन्म से जुड़ी कथा

माता जानकी का जन्म अष्टमी तिथि को हुआ था, जब राजा जनक ने एक दिन खेत जोतते समय एक कन्या को पाया। उन्होंने उसे अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया और उसका पालन-पोषण किया।

जानकी जयंती विशेष उपाय

हिंदू धर्म में जानकी जयंती का विशेष महत्व है, जिसे माता सीता के अवतरण का दिन माना जाता है। इस दिन व्रत, पूजा-पाठ और दान-पुण्य का विशेष महत्व है।

आज है जानकी जयंती 2025

हिंदू धर्म में जानकी जयंती का बहुत महत्व है। इस पर्व को माता सीता के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। साल 2025 में जानकी जयंती आज यानी 21 फरवरी, शुक्रवार को मनाई जाएगी।

जानकी जयंती पर सीता चालीसा का पाठ

हिंदू धर्म में भगवान राम और माता सीता की पूजा बहुत शुभ और कल्याणकारी मानी गई है। देवी सीता को जानकी के नाम से भी जाना जाता है, वे जगत जननी मां लक्ष्मी का स्वरूप हैं।

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