तेरे दर पे माँ,
जिंदगी मिल गई है,
मुझे दुनिया भर की,
ख़ुशी मिल गई है,
तेरे दर पे माँ,
जिंदगी मिल गई है ॥
जमाने से जो ना मिला,
तुमसे पाया,
भटकता हुआ जब मै,
तेरे दर पे आया,
जो दिल में थी हसरत,
वही मिल गई है,
तेरे दर पे मॉ,
जिंदगी मिल गई है ॥
दुखो का शिकंजा,
कसा जा रहा था,
अंधेरो में जीवन,
फसा जा रहा था,
यही राह फिर से,
सही मिल गई है,
तेरे दर पे मॉ,
जिंदगी मिल गई है ॥
ये चर्चे है तीनो,
जहाँ में तुम्हारे,
अगर कोई दर पे,
झोली पसारे,
कहो चीज क्या जो,
नहीं मिल गई है,
तेरे दर पे मॉ,
जिंदगी मिल गई है ॥
तेरे दर पे मॉ,
जिंदगी मिल गई है,
मुझे दुनिया भर की,
ख़ुशी मिल गई है,
तेरे दर पे मॉ,
जिंदगी मिल गई है ॥
हर साल चैत्र नवरात्रि चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है। साल 2025 में चैत्र नवरात्रि 30 मार्च, रविवार से शुरू हो रही है। नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है, जिसका विशेष महत्व माना जाता है।
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की परंपरा सदियों से चली आ रही है। कहा जाता है कि जहां शुभ मुहूर्त में घटस्थापना की जाती है, वहां मां दुर्गा की कृपा हमेशा बनी रहती है और संकटों के बादल कभी नहीं मंडराते, ऐसी मान्यता है।
चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू हो रही है और 6 अप्रैल को समाप्त होगी। यानी नवरात्रि में घटस्थापना 30 मार्च और रामनवमी 6 अप्रैल को होगी। नवरात्रि इस बार रविवार से शुरू होगी, इसलिए इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी।
साल 2025 में चैत्र नवरात्रि 30 मार्च, रविवार से शुरू हो रही है। हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का बहुत महत्व है। चैत्र मास हिंदू नववर्ष का पहला महीना होता है। चैत्र नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और नौ दुर्गाओं का आशीर्वाद बना रहता है।