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तेरा दरबार हमनें सजाया है माँ(Tera Darbar Humne Sajaya Hai Maa)

तेरा दरबार हमनें सजाया है माँ(Tera Darbar Humne Sajaya Hai Maa)

तेरा दरबार हमनें सजाया है माँ,

तुमको बुलाया है माँ,

ये बता दो बता दो,

ये बता दो पूजा में कोई,

कमी तो नही कमी तो नही,

तेरा दरबार हमनें सजाया है माँ ॥


भूल हो कोई उसको भुला दीजिये,

अपने चरणों में मुझको जगह दीजिये,

तेरी ज्योति को हमने जलाया है माँ,

सर को झुकाया है माँ,

ये बता दो पूजा में कोई,

कमी तो नही कमी तो नही,

तेरा दरबार हमनें सजाया है माँ ॥


तुमने लाखो की बिगड़ी बनाई है माँ,

मेरी बारी क्यों देर लगाई है माँ,

मन के मंदिर में तुमको बिठाया है माँ,

सर को झुकाया है माँ,

ये बता दो पूजा में कोई,

कमी तो नही कमी तो नही,

तेरा दरबार हमनें सजाया है माँ ॥


जैसे औरो के संकट मिटाए है माँ,

आस मेरी भी पूरी कर दो ओ माँ,

तेरे भजनों को ‘मनीष’ ने गाया है माँ,

‘भावेश’ ने सजाया है माँ,

ये बता दो पूजा में कोई,

कमी तो नही कमी तो नही,

तेरा दरबार हमनें सजाया है माँ ॥


तेरा दरबार हमनें सजाया है माँ,

तुमको बुलाया है माँ,

ये बता दो बता दो,

ये बता दो पूजा में कोई,

कमी तो नही कमी तो नही,

तेरा दरबार हमनें सजाया है माँ ॥

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अन्वाधान पौराणिक कथा

हिंदू धर्म में त्योहारों का विशेष महत्व है। हर त्योहार अपनी पौराणिक कथाओं और परंपराओं के कारण अद्वितीय स्थान रखता है। ऐसा ही एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है 'अन्वाधान’, जिसे वैष्णव सम्प्रदाय विशेष रूप से मनाता है।

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अन्वाधान के दिन किसकी पूजा होती है

भारत में अन्वाधान का अपना एक अलग स्थान है। अन्वाधान कृषि चक्र और आध्यात्मिक उन्नति से जुड़ा पर्व है। इन्हें जीवन को पोषित करने वाली दिव्य शक्तियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने हेतु मनाया जाता है।

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