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शिव शंकर भोलेनाथ, तेरा डमरू बाजे पर्वत पे (Shiv Shankar Bholenath Tera Damru Baje Parvat Pe)

शिव शंकर भोलेनाथ, तेरा डमरू बाजे पर्वत पे (Shiv Shankar Bholenath Tera Damru Baje Parvat Pe)

शिव शंकर भोलेनाथ,

तेरा डमरू बाजे पर्वत पे,

तेरा डमरू बाजे पर्वत पे,

शिवशंकर भोलेनाथ ओ नाथ,

तेरा डमरू बाजे पर्वत पे ॥


तेरा नीलकंठ पे धाम बना,

जहाँ सबका बिगड़ा काम बना,

तेरा नीलकंठ पे धाम बना,

जहाँ सबका बिगड़ा काम बना,

सारे जग की रखले बात,

तेरा डमरू बाजे पर्वत पे,

शिवशंकर भोलेनाथ ओ नाथ,

तेरा डमरू बाजे पर्वत पे ॥


तेरे जैसा औघड़ दानी ना,

तेरे जैसा कोई वरदानी ना,

तेरे जैसा औघड़ दानी ना,

तेरे जैसा कोई वरदानी ना,

मेरे भोले पिता मात,

तेरा डमरू बाजे पर्वत पे,

शिवशंकर भोलेनाथ ओ नाथ,

तेरा डमरू बाजे पर्वत पे ॥


तेरा सबसे रूप निराला है,

तू तो जोगी बड़ा मतवाला है,

तेरा सबसे रूप निराला है,

तू तो जोगी बड़ा मतवाला है,

तेरा पूजन हो दिन रात,

तेरा डमरू बाजे पर्वत पे,

शिवशंकर भोलेनाथ ओ नाथ,

तेरा डमरू बाजे पर्वत पे ॥


शिव शंकर भोलेनाथ,

तेरा डमरू बाजे पर्वत पे,

तेरा डमरू बाजे पर्वत पे,

शिवशंकर भोलेनाथ ओ नाथ,

तेरा डमरू बाजे पर्वत पे ॥

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बुधवार की आरती

हिंदू धर्म में बुधवार का दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के लिए सबसे शुभ माना जाता है। भक्तों को इस दिन गणपति की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना जरूर करना चाहिए।

गुरुवार की आरती

सनातन धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु और केले के वृक्ष की पूजा-उपासना की जाती है। इसके साथ ही व्रत रखा जाता है।

शुक्रवार की आरती

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, किसी भी पूजा का समापन आरती और मंत्र जाप के साथ ही करना चाहिए। क्योंकि इसके बिना पूजा अधूरा माना जाता है।

शनिवार की आरती

हिंदू धर्म में शनिवार का दिन न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित है। साथ ही, जीवन में चल रही परेशानियों और ग्रह दोषों को दूर करने के लिए इस दिन व्रत भी रखा जाता है।

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