शिव भोला भंडारी,
सुख का त्योहार,
मिले डमरू के ताल,
सुख का त्योहार,
मिले डमरूके ताल,
करे दुख पिडा पार जटाधारी,
शिव भोला भंडारी,
शिव भोला भंडारी ॥
ॐकारेश्वर… बम बम भोले,
निलकंठेश्वर… बम बम भोले,
केदारेश्वर… बम बम भोले,
जय शिवशंकर… बम बम भोले,
जय शिव शंभो… बम बम भोले,
जय त्रिपुरारी… बम बम भोले,
शंखनाद त्रिनिनाद बाजे,
भस्मलेप शृंगार भी साजे,
जटा मुकुट पर गंगा विराजे,
बबम बम बबम भोले,
क्रोध कोप सूरहि भयभीत,
व्याघ्रवस्त्र रुद्राक्ष सहित,
दान तेरा वरदान निहीत,
बबम बम बबम भोले,
शिव भोला भण्डारी,
शिव भोला भंडारी ॥
कण कण में है तेरा बसेरा,
नैन न जिसको तू उजीयारा,
सुख कि आहट आस भी तू है,
बुझने न पाये वो प्यास भी तू है,
तुहि मेरा राम भोले तुहि घनश्याम,
तुहि मेरा राम भोले तुहि घनश्याम,
दिन रात जाप में मैने है गुजारी,
शिव भोला भण्डारी,
शिव भोला भंडारी ॥
हिंदू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत अत्यंत शुभ माना गया है। यह पर्व हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा और व्रत के साथ उन्हें विशेष भोग अर्पित करने का विधान है।
मासिक दुर्गाष्टमी हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों में से एक है। यह व्रत हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा और व्रत किए जाते हैं।
उधम ऐसो मच्यो बृज में,
सब केसर उमंग मन सींचे,
मेरो लाला झूले पालना, नित होले झोटा दीजो
नित होले झोटा दीजो, नित होले झोटा दीजो