सारे तीर्थ धाम आपके चरणो में ।
हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में ।
हृदय में माँ गौरी लक्ष्मी,
कंठ शारदा माता है ।
जो भी मुख से वचन कहें,
वो वचन सिद्ध हो जाता है ।
हैं गुरु ब्रह्मा, हैं गुरु विष्णु,
हैं शंकर भगवान आपके चरणो में ।
हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में ।
जनम के दाता मात पिता हैं,
आप करम के दाता हैं ।
आप मिलाते हैं ईश्वर से,
आप ही भाग्य विधाता हैं ।
दुखिया मन को रोगी तन को,
मिलता है आराम आपके चरणो में ।
हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में ।
निर्बल को बलवान बना दो,
मूर्ख को गुणवान प्रभु ।
देवकमल और वंसी को भी,
ज्ञान का दो वरदान गुरु ।
हे महा दानी हे महा ज्ञानी,
रहूँ मैं सुबहो-शाम आपके चरणो में ।
हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में ।
कर्ता करे ना कर सके,
पर गुरु किए सब होये ।
सात द्वीप नौ खंड मे,
मेरे गुरु से बड़ा ना कोए ॥
सब धरती कागज़ करूँ,
लेखनी सब वनराय ।
समुद्र को स्याही,
पर गुरु गुण लिख्यो ना जाए ॥
सारे तीर्थ धाम आपके चरणो में ।
हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में ।
छठ पूजा भारतीय सनातन परंपरा का एक महत्वपूर्ण पर्व है जो सूर्यदेव और छठी माता को समर्पित है। इस पूजा में ठेकुआ एक प्रमुख प्रसाद होता है।
छठ पूजा भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख त्योहार माना जाता है। विशेष रूप से बिहार और इसके आसपास के क्षेत्रों में मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देवता और छठी मईया की आराधना का प्रतीक है।
छठ को प्रकृति की पूजा के महापर्व के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व को सबसे कठिन पर्वों में से एक माना गया है। इसमें स्वच्छता और पवित्रता को बनाए रखना होता है। इस वर्ष छठ पूजा की शुरुआत 05 नवंबर से नहाय-खाय के साथ हो रही है।
बिहार या कहें खासकर भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लोगों के लिए छठ पूजा सदियों से चली आ रही एक ऐसी प्रथा है जिसमें भारतीय संस्कृति और आपसी प्रेम भाव का बोध होता है।