सारे जहाँ के मालिक, तेरा ही आसरा है,
राजी हैं हम उसी में, जिस में तेरी रजा है,
सारे जहाँ के मालिक, तेरा ही आसरा है,
हम क्या बताएं तुमको, सब कुछ तुझे खबर है,
हर हाल में हमारी, तेरी तरफ नजर है,
किस्मत है वो हमारी, जो तेरा फैसला है,
राजी हैं हम उसी में, जिस में तेरी रजा है,
सारे जहाँ के मालिक, तेरा ही आसरा है,
राजी हैं हम उसी में, जिस में तेरी रजा है,
हाथों को दुआ की, खातिर मिलाएं कैसे,
सजदे में तेरे आकर, सर को झुकाएं कैसे,
मजबूरियां हमारी, बस तू ही जानता है,
राजी हैं हम उसी में, जिस में तेरी रजा है,
सारे जहाँ के मालिक, तेरा ही आसरा है,
राजी हैं हम उसी में, जिस में तेरी रजा है,
रो कर कटे या हंस कर, कटती है जिंदगानी,
तू गम दे या ख़ुशी दे, सब तेरी मेहेरबानी,
तेरी ख़ुशी समझकर, सब गम भुला दिया है,
राजी हैं हम उसी में, जिस में तेरी रजा है,
सारे जहाँ के मालिक, तेरा ही आसरा है,
राजी हैं हम उसी में, जिस में तेरी रजा है,
दुनिया बना के मालिक, जाने कहाँ छिपा है,
आता नहीं नजर तू, बस इक यही गिला है,
भेजा इस जहाँ में, जो तेरा शुक्रिया है,
राजी हैं हम उसी में, जिस में तेरी रजा है,
सारे जहाँ के मालिक, तेरा ही आसरा है,
राजी हैं हम उसी में, जिस में तेरी रजा है,
शनि त्रयोदशी का पर्व शनि देव की पूजा और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए बेहद खास होता है। इस दिन सही तरीके से पूजा करने और खास भोग अर्पित करने से शनि ग्रह के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिल सकती है।
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शंकर की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से घर में खुशहाली आती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है, जो भगवान शिव की पूजा को समर्पित होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार प्रदोष व्रत कन्याओं के लिए बेहद खास होता है, इस दिन भोलेनाथ की उपासना करने और व्रत रखने से मनचाहा वर पाने की कामना पूरी होती हैं।
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत बेहद फलदायी माना जाता है। इसका इंतजार शिव भक्तों को बेसब्री से रहता है। ऐसी मान्यता है कि इस तिथि पर शिव पूजन करने और उपवास रखने से भगवान शंकर का आशीर्वाद प्राप्त होता है।