साँवरे सा कौन,
सांवरे सा कौन,
कोई मुझको बताओ तो सही,
क्यूँ हो सारे मौन,
सांवरे सा कौन ॥
कोई नहीं है मेरे,
साँवरे सा दानी,
कथा शीश दान वाली,
दुनियाँ ने मानी,
जय जयकार बुलाओ तो सही,
सांवरे सा कौन ॥
मेरा श्याम बाबा करता,
नीले की सवारी,
खाटू नगरिया लागे,
भगतों को प्यारी,
दर्शन करने को जाओ तो सही,
सांवरे सा कौन ॥
साथी बनालो अपना,
काली कमली वाला,
यही है वो खोलता जो,
किस्मत का ताला,
‘श्याम’ हाले दिल सुनाओ तो सही,
सांवरे सा कौन ॥
साँवरे सा कौन,
सांवरे सा कौन,
कोई मुझको बताओ तो सही,
क्यूँ हो सारे मौन,
सांवरे सा कौन ॥
रम गयी माँ मेरे रोम रोम में,
रम गयी माँ मेरे रोम रोम में
राम जन्मभूमि पर जाकर,
जीत के दीप जलाएंगे,
राम जपते रहो, काम करते रहो ।
वक्त जीवन का, यूँही निकल जायेगा ।
दुनिया की चकाचौंध भूलूं मैं,
राम सिया राम ही बोलूँ मैं