हे राम तुम्हारे आने से सुखधाम बना ये जग सारा,
संपूर्ण सनातन पुलकित है जप जप के राम तेरी माला ॥
कितने युग के संताप मिटे अब अवधपुरी हर्षाई है,
जिस दिन से राम विराजे हैं दीपों से नगरी सजाई है,
युग युग का कटा वनवास प्रभु,
बन गया है मंदिर अब न्यारा,
हे राम तुम्हारे आने से ॥
योगी संतों के भाल पर अब राम चरण रज चमक रही,
तेरे दर्शन की आस में ये प्यासी अखियां तरस रहीं,
उस रज को माथ लगा कर अब,
हर कोई बना है मतवाला,
हे राम तुम्हारे आने से ॥
इस धरा के कोने कोने में बस राम नाम की अलख जगी,
हर नैना छवि निहार रहे और नगर नगर सब डगर सजीं,
ऐसे दीपों से दीप जले,
हर ओर हुआ है उजियारा,
हे राम तुम्हारे आने से ॥
आज इस पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। वहीं आज शुक्रवार का दिन है। इस तिथि पर अतिगण्ड और सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। वहीं आज चंद्रमा सिंह राशि में मौजूद हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
कुंभ जैसे विशेष अवसरों पर दिखने वाले नागा साधु कुंभ समाप्त होते ही अचानक कहां गायब हो जाते हैं? यह एक रहस्यमयी प्रश्न है। प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान तीनों अमृत स्नान पूरे हो चुके हैं, और अब अखाड़ों का खाली होना शुरू हो गया है।
महाकुंभ मेला हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जो हर 12 साल में चार पवित्र स्थलों - हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है। यह आयोजन समुद्र मंथन से जुड़ी पौराणिक कथा पर आधारित है।
सनातन हिंदू धर्म में, होली का त्योहार एकता, आनंद और परंपराओं का एक भव्य उत्सव है। इसकी धूम पूरे विश्व में है। दिवाली के बाद हिंदू धर्म में दूसरे सबसे महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में जाना जाने वाला होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।