रक्षा करो मेरे राम,
रक्षा करों मेरे राम,
मन की लगी है तुमसे ही भगवन,
मन की लगी है तुमसे ही भगवन,
पूजूँ तुम सुबह शाम,
रक्षा करो मेरे राम,
रक्षा करो मेरें राम ॥
मन में यकीं है ये सदा,
छूटे ना द्वार तुम्हारा,
नाता जुड़ा तुमसे मेरा,
तुम ही हो मेरा सहारा,
प्राणो की सांसे तुमसे ही भगवन,
बिगड़े बने सारे काम,
रक्षा करो मेरें राम,
रक्षा करो मेरें राम ॥
शोभित सदा होता रहा,
रघुवर तुम्हारा ही द्वारा,
धरती गगन गूंजे सदा,
भजनों से संसार सारा,
जयकारो से गूंजे ये दुनिया,
जयकारो से गूंजे ये दुनिया,
गूंजे गगन तेरा नाम,
रक्षा करो मेरें राम,
रक्षा करो मेरें राम ॥
डूबे रवि लाली लिए,
सरयू नदी का किनारा,
चलती पवन चमके नयन,
इस पल में मन को संवारा,
इस जीवन की महकी है बगिया,
इस जीवन की महकी है बगिया,
जीवन किया तेरे नाम,
रक्षा करो मेरें राम,
रक्षा करो मेरें राम ॥
फैली किरण महके सुमन,
दीपों सा फैले उजाला,
मदिर सजे आँगन सजे,
हर्षित हुआ दिल हमारा,
मन मेरा मंदिर मूरत है तेरी,
मन मेरा मंदिर मूरत है तेरी,
ये जग बना तेरा धाम,
रक्षा करो मेरें राम,
रक्षा करो मेरें राम ॥
रक्षा करो मेरे राम,
रक्षा करों मेरे राम,
मन की लगी है तुमसे ही भगवन,
मन की लगी है तुमसे ही भगवन,
पूजूँ तुम सुबह शाम,
रक्षा करो मेरें राम,
रक्षा करो मेरें राम ॥
इस साल चैत्र नवरात्रि के एक दिन पहले, 29 मार्च को सूर्य ग्रहण लग रहा है, जो साल का पहला सूर्य ग्रहण है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण से कई राशियों में भी बदलाव देखने को मिलता है।
नवरात्रि भारत में बहुत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह पर्व मां दुर्गा की आराधना के लिए समर्पित है, और इस दौरान लोग व्रत रखते हैं। व्रत का उद्देश्य केवल भूखा रहना नहीं, बल्कि शरीर और मन की शुद्धि भी होता है।
चैत्र नवरात्रि के समय वातावरण में नई ऊर्जा और भक्ति का संचार होता है। मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के साथ श्रद्धालु कई पारंपरिक रीति-रिवाज भी करते हैं।
चैत्र नवरात्रि 2025 का शुभारंभ 30 मार्च से होगा और 7 अप्रैल को इसका समापन होगा। यह नौ दिनों का पर्व न केवल भक्ति और साधना के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि धन-लाभ और आर्थिक वृद्धि के लिए भी बेहद प्रभावी माना जाता है।