Logo

राजीव लोचन राम, आज अपने घर आए (Rajiv Lochan Ram Aaj Apne Ghar Aaye)

राजीव लोचन राम, आज अपने घर आए (Rajiv Lochan Ram Aaj Apne Ghar Aaye)

राजीव लोचन राम,

आज अपने घर आए,

कण कण पुलकित,

पुरजन हर्षित,

नगर गाँव सब बजत बधाई,

राजीव लोंचन राम,

आज अपने घर आए ॥


गावही किन्नर नाग बदूटी,

बार बार कुसुमांजलि छूटी,

हे जग पावन,

मुनि मन भावन,

अरु शोभा गुण बरनी ना जाए,

राजीव लोंचन राम,

आज अपने घर आए ॥


सुन्दर शोभा श्री रघुवर की,

झांकी बनी है कनक भवन की,

सूचिसर सुन्दर,

नित्य मगन जन,

मचल मचल सब विधि गुण गाए,

राजीव लोंचन राम,

आज अपने घर आए ॥


हर्षित जह तह दाई दासी,

आनंद मगन सकल पुर वासी,

लिए आरती मंगल आरती,

कनक बसन उपथाल सुहाए,

राजीव लोंचन राम,

आज अपने घर आए ॥


राजीव लोचन राम,

आज अपने घर आए,

कण कण पुलकित,

पुरजन हर्षित,

नगर गाँव सब बजत बधाई,

राजीव लोंचन राम,

आज अपने घर आए ॥

........................................................................................................
उत्पन्ना एकादशी के नियम

उत्पन्ना एकादशी मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। उत्पन्ना एकादशी की उत्पत्ति का उल्लेख प्राचीन भविष्योत्तर पुराण में मिलता है, जहां भगवान विष्णु और युधिष्ठिर के बीच एक महत्वपूर्ण संवाद में इसका वर्णन किया गया है।

हरी हरी भांग का मजा लीजिये(Hari Hari Bhang Ka Maja Lijiye)

हरी हरी भांग का मजा लीजिये,
सावन में शिव की बूटी पिया कीजिये,

हरि हरि हरि सुमिरन करो (Hari Hari Hari Sumiran Karo)

हरि हरि, हरि हरि, सुमिरन करो,
हरि चरणारविन्द उर धरो

हरि जी! मेरी लागी लगन मत तोडना (Hari Ji Meri Lagi Lagan Mat Todna)

हरि जी! मेरी लागी लगन मत तोडना,
लाला* जी! मेरी लागी लगन मत तोडना,

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang