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प्रभु राम का बनके दीवाना (Prabhu Ram Ka Banke Deewana)

प्रभु राम का बनके दीवाना (Prabhu Ram Ka Banke Deewana)

प्रभु राम का बनके दीवाना,

छमाछम नाचे वीर हनुमाना,

के राम सियाराम जपता है,

मस्त मगन रहता है,

के राम सियाराम जपता है,

मस्त मगन रहता है ॥


राम के सिवा नहीं सूझे,

कोई दूजा नाम,

राम जी की धुन में,

रहता है ये आठों याम,

चुटकी बजाए,

खड़ताल बजाता है,

मुख से ये राम हरे,

राम गुण गाता है,

जग से ये होके बेगाना,

के राम सियाराम जपता है,

मस्त मगन रहता है,

के राम सियाराम जपता है,

मस्त मगन रहता है ॥


हाथ में सोटा लाल लंगोटा,

पहना है,

सिंदूरी तन वाले तेरा क्या,

कहना है,

राम सिया राम नाम,

ओढ़ के चुनरिया,

नाच रहा मस्ती में,

अवध नगरीया,

भूल गया बाला शर्माना,

के राम सियाराम जपता है,

मस्त मगन रहता है,

के राम सियाराम जपता है,

मस्त मगन रहता है ॥


राम चरण की धूलि,

माथे लगाई है,

मन में छवि श्री राम,

सिया की बसाई है,

राम जी के सेवक है,

बजरंग प्यारे जो,

अपना समय,

राम सेवा में गुजारे वो,

‘कुंदन’ करे ना बहाना,

के राम सियाराम जपता है,

मस्त मगन रहता है,

के राम सियाराम जपता है,

मस्त मगन रहता है ॥


प्रभु राम का बनके दीवाना,

छमाछम नाचे वीर हनुमाना,

के राम सियाराम जपता है,

मस्त मगन रहता है,

के राम सियाराम जपता है,

मस्त मगन रहता है ॥

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एकादशी व्रत फरवरी 2025

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है और इस दिन भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

फाल्गुन में क्या करें, क्या नहीं

माघ पूर्णिमा के बाद फाल्गुन माह की शुरुआत होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह हिंदू वर्ष का अंतिम महीना होता है। इसके उपरांत हिंदू नववर्ष शुरू होगा। फाल्गुन के महीने को फागुन का महीना भी कहा जाता है।

फाल्गुन में देवताओं की पूजा

माघ पूर्णिमा के बाद फाल्गुन माह की शुरुआत होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह हिंदू वर्ष का अंतिम महीना होता है। इसके उपरांत हिन्दू नववर्ष आ जाएगा। फाल्गुन के महीने को फागुन का महीना भी कहा जाता है।

फाल्गुन मास की पौराणिक कथा

फाल्गुन’ का महीना हिंदू पंचांग का अंतिम महीना होता है। इस मास की पूर्णिमा फाल्गुनी नक्षत्र में होती है। जिस कारण इस महीने का नाम फाल्गुन पड़ा है। इस महीने को आनंद और उल्लास का महीना भी कहा जाता है।

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