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ओ मईया तैने का ठानी मन में (O Maiya Tene Ka Thani Man Me)

ओ मईया तैने का ठानी मन में (O Maiya Tene Ka Thani Man Me)

ओ मईया तैने का ठानी मन में,

राम-सिया भेज दये री बन में,

दीवानी तैने का ठानी मन में,

राम-सिया भेज दये री बन में ॥


जदपि भरत तेरो ही जायो,

तेरी करनी देख लजायो,

अपनों पद तैने आप गँवायो,

भरत की नजरन में,

राम-सिया भेज दये री बन में ॥

हठीली तैने का ठानी मन में,

राम-सिया भेज दये री बन में ॥


मेहल छोड़ वहाँ नहीं रे मड़ैया,

सिया सुकुमारी,संग दोउ भईया,

काहू वृक्ष तर भीजत होंगे,

तीनों मेहन में,

राम-सिया भेज दये री बन में ॥

हठीली तैने का ठानी मन में,

राम-सिया भेज दये री बन में ॥


कौशल्या की छिन गयी बानी,

रोय ना सकी उर्मिल दीवानी,

कैकेयी तू बस एक ही रानी,

रह गयी महलन में,

राम-सिया भेज दये री बन में ॥

हठीली तैने का ठानी मन में,

राम-सिया भेज दये री बन में ॥


ओ मईया तैने का ठानी मन में,

राम-सिया भेज दये री बन में,

दीवानी तैने का ठानी मन में,

राम-सिया भेज दये री बन में ॥

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