ओ मईया तैने का ठानी मन में,
राम-सिया भेज दये री बन में,
दीवानी तैने का ठानी मन में,
राम-सिया भेज दये री बन में ॥
जदपि भरत तेरो ही जायो,
तेरी करनी देख लजायो,
अपनों पद तैने आप गँवायो,
भरत की नजरन में,
राम-सिया भेज दये री बन में ॥
हठीली तैने का ठानी मन में,
राम-सिया भेज दये री बन में ॥
मेहल छोड़ वहाँ नहीं रे मड़ैया,
सिया सुकुमारी,संग दोउ भईया,
काहू वृक्ष तर भीजत होंगे,
तीनों मेहन में,
राम-सिया भेज दये री बन में ॥
हठीली तैने का ठानी मन में,
राम-सिया भेज दये री बन में ॥
कौशल्या की छिन गयी बानी,
रोय ना सकी उर्मिल दीवानी,
कैकेयी तू बस एक ही रानी,
रह गयी महलन में,
राम-सिया भेज दये री बन में ॥
हठीली तैने का ठानी मन में,
राम-सिया भेज दये री बन में ॥
ओ मईया तैने का ठानी मन में,
राम-सिया भेज दये री बन में,
दीवानी तैने का ठानी मन में,
राम-सिया भेज दये री बन में ॥
वैदिक पंचाग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह में कृष्ण जन्माष्टमी आज यानी 22 नवंबर 2024 को मनाई जा रही है। मासिक कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने और जीवन के दुखों को दूर करने का श्रेष्ठ अवसर है।
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया ।
बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया
सब की आँखों का तारा
बुहा खोल के माये,
जरा तक ते ले,