मेरी विनती है तुमसे गौरा रानी,
शिवजी से हमें जोड़े रखना,
जपूँ ओमकारा गौरा रानी,
जपूँ ओमकारा गौरा रानी,
शिवजी से हमें जोड़े रखना,
शिवजी से हमें जोड़े रखना ॥
तोड़े दुनिया के बंधन सारे,
मैं शिव की शरण आ गया,
मैं शिव की शरण आ गया,
जपूँ ओमकारा गौरा रानी,
जपूँ ओमकारा गौरा रानी,
शिवजी से हमें जोड़े रखना,
शिवजी से हमें जोड़े रखना ॥
शिव नाम की माला फेरूं,
गौरा जी तेरा नाम सिमरु,
गौरा जी तेरा नाम सिमरु,
मैया गौरा तू भोलेजी की प्यारी,
मैया गौरा तू भोलेजी की प्यारी,
ये प्रीत सदा जोड़े रखना,
शिवजी से हमें जोड़े रखना ॥
भोले नाम का मैं जोगी बनके,
मगन रहूं भक्ति में,
मगन रहूं भक्ति में,
कहे वैरागी शिव वरदानी,
कहे वैरागी शिव वरदानी,
चरणों में तू बिठाए रखना,
शिवजी से हमें जोड़े रखना ॥
मेरी विनती है तुमसे गौरा रानी,
शिवजी से हमें जोड़े रखना,
जपूँ ओमकारा गौरा रानी,
जपूँ ओमकारा गौरा रानी,
शिवजी से हमें जोड़े रखना,
शिवजी से हमें जोड़े रखना ॥
हर साल माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और दान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए पुण्य कर्मों का फल कई गुना बढ़ जाता है।
माघ मास की अमावस्या, जिसे मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन को लेकर कई तरह की धार्मिक मान्यताएं और परंपराएं जुड़ी हुई हैं। माना जाता है कि इस दिन पितृ देवता धरती पर आते हैं और अपने वंशजों के द्वारा किए गए पिंडदान से प्रसन्न होते हैं।
माघ माह की अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन लोग पूजा-अर्चना और पितरों की पूजा में भाग लेते हैं। मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य प्राप्ति होती है और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
2025 में उदयातिथि के अनुसार, 30 जनवरी 2025 को माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होगी और 7 फरवरी 2025 को गुप्त नवरात्रि का समापन होगा। ऐसे में माघ गुप्त नवरात्र की शुरुआत 30 जनवरी से होगी।