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मगन ईश्वर की भक्ति में (Magan Ishwar Ki Bhakti Me Are Mann Kiyon Nahin Hota)

मगन ईश्वर की भक्ति में  (Magan Ishwar Ki Bhakti Me Are Mann Kiyon Nahin Hota)

मगन ईश्वर की भक्ति में,

अरे मन क्यों नहीं होता।

पड़ा आलस्य में मुर्ख,

रहेगा कब तलक सोता॥


जो इच्छा है तेरे कट जाएं,

सारे मैल पापों के।

प्रभु के प्रेम जल से,

क्यों नहीं अपने को तू धोता॥


विषय और भोग में फंस कर,

न बर्बाद कर तू अपने जीवन को।

दमन कर चित्त की वृत्ति,

लगा ले योग में गोता॥


नहीं संसार की वास्तु,

कोई भी सुख की हेतु है।

व्यथा इनके लिए फिर क्यों,

समय अनमोल तू खोता॥


ना पत्नी काम आएगी,

ना भाई-पुत्र और पोता।

धर्म ही एक ऐसा है,

जो साथी अंत तक होगा॥


भटकता क्यों फिरे नाहक,

तू सुख के लिए मूर्ख।

तेरे ह्रदय के भीतर ही बहे,

आनंद का श्रोता॥


मगन ईश्वर की भक्ति में,

अरे मन क्यों नहीं होता।

पड़ा आलस्य में मुर्ख,

रहेगा कब तलक सोता॥


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पापमोचनी एकादशी व्रत कथा

पापमोचनी एकादशी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, और शास्त्रों के अनुसार, इसे पापों से मुक्ति दिलाने वाला बताया गया है।

रंग पंचमी पर देवताओं को कौन सा रंग चढ़ाएं

रंग पंचमी 2025 इस वर्ष 21 मार्च को मनाई जाएगी। यह पर्व होली के पांचवें दिन फाल्गुन मास की शुक्ल पंचमी तिथि को आता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, रंग पंचमी का दिन देवी-देवताओं को समर्पित होता है और इस दिन वे भी गीले रंगों से होली खेलते हैं।

पापमोचनी एकादशी के उपाय

पापमोचनी एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह एकादशी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में मनाई जाती है।

रंग पंचमी के उपाय

रंग पंचमी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है और इसे होली के पांचवें दिन मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन देवी-देवता पृथ्वी पर आकर भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।

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