मात भवानी अम्बे माँ,
मेरी नैया भवर में है आ,
तू संकट हर ले माँ,
मात भवानी अम्बे रानी ॥
जब भी चला कोई लेके सफीना,
तूफा से वो लड़ता जाए,
नाम तेरा माँ रटते रटते,
भव सागर तर जाए,
जब डूबेगी नैया तू आ जाना मैया,
ये गहरा है सागर का पानी।
मात भवानी अम्बे मां,
मेरी नैया भवर में है आ,
तू संकट हर ले माँ,
मात भवानी अम्बे रानी ॥
आए मुसीबत मुझ पर अगर माँ,
पलभर में वो लौट जाए,
तेरे चरणों में ये सर झुकाऊं,
जीवन सफल हो जाए,
मैं दिल से पुकारू माँ अर्ज गुजारु,
अब पार करो कल्याणी।
मात भवानी अम्बे मां,
मेरी नैया भवर में है आ,
तू संकट हर ले माँ,
मात भवानी अम्बे रानी ॥
है ये तमन्ना ओ अम्बे मैया,
तेरा करम हो जाए,
शीतल हो जाए तन मन दोनों,
पावन ये घर हो जाए,
ये नजरे है प्यासी है विनती जरासी,
मेरे घर भी मैया तू आना।
मात भवानी अम्बे मां,
मेरी नैया भवर में है आ,
तू संकट हर ले माँ,
मात भवानी अम्बे रानी ॥
मात भवानी अम्बे माँ,
मेरी नैया भवर में है आ,
तू संकट हर ले माँ,
मात भवानी अम्बे रानी ॥
हिंदू धर्म में ब्रह्मा, विष्णु और महेश को त्रिमूर्ति माना जाता है। ये तीनों देवता सृष्टि के रचनाकार, पालनकर्ता और संहारक हैं। विष्णु और महेश की पूजा तो हर जगह होती है, लेकिन ब्रह्मा जी की पूजा क्यों नहीं होती, यह सवाल अक्सर लोगों के मन में उठता है।
हिंदू धर्म में पूजा-पाठ करने के साथ-साथ व्रत रखने की भी मान्यता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर व्रत रखा जाए, तो व्रत का पारण भी विधिवत रूप से करना महत्वपूर्ण माना जाता है। बिना व्रत के पारण के पूजा सफल नहीं मानी जाती है।
सगाई का दिन! जिंदगी का वो खास पल जब दो दिल एक दूसरे के साथ जुड़ते हैं और एक नई यात्रा की शुरुआत होती है।
नया व्यवसाय शुरू करना एक महत्वपूर्ण निर्णय है जिसमें कई चीजें शामिल होती हैं। रणनीति, कड़ी मेहनत, नवाचार, और सबसे महत्वपूर्ण शुभ मुहूर्त। जी हां, सही समय चुनना भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि आपके व्यवसाय की रणनीति और योजना।