हे माँ, हे माँ, हे माँ, हे माँ
मात अंग चोला साजे,
हर रंग चोला साजे
मात की महिमा देखो,
ज्योत दिन रैना जागे
तू ओढे लाल चुनरिया,
गहनो से करे श्रृंगार
शेरो पर करे सवारी,
तू शक्ति का अवतार
तेरे तेज बहरे दो नैना,
तेरे अधरों पर मुस्कान
तेरे द्वारे शीश झुकाये,
क्या निर्धन क्या बलवान
तेरे ही नाम का मात,
जगत में डंका बाजे
मात अंग चोला साजे...
ऊँचा है मंदिर तेरा,
ऊँचा तेरा अस्थान
दानी क्या कोई दूजा,
माँ होगा तेरे सामान
जो आए श्रद्धा लेके,
वो ले जाए वरदान
हे माता तू भगतो के,
सुख दुःख का रखे ज्ञान
तेरे चरणो में आके,
भाग्य कैसे ना जागे
कार्तिक माह सनातन धर्म में अत्यंत शुभ है। इस महीने में श्रद्धालु पवित्र नदियों के किनारे पर समय बिताते हैं या फिर घरों में तुलसी और केले के पौधों की पूजा करते हैं और प्रतिदिन दीप जलाते हैं।
भारत में कार्तिक पूर्णिमा एक प्रमुख पर्व के रूप में मनाई जाती है। इस दिन लोग बड़ी संख्या में गंगा तट पर पहुंचकर स्नान करते हैं और विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।
भोले शिव मंगलकारी,
भोले की महिमा न्यारी,
भोले तेरे चरणों की,
गर धूल जो मिल जाए,