माँ शारदा भवानी,
बैठी है देखो कैसे,
मैया सजी है ऐसे,
दुल्हन बनी हो जैसे,
मां शारदा भवानी,
बैठी है देखो कैसे ॥
हाथो में चूड़ी चमके,
माथे में बिंदियां दमके,
कानो में बाली लटके,
बालो में गजरा महके,
लहराए केश ऐसे,
काली घटा के जैसे,
मैया सजी है ऐसे,
दुल्हन बनी हो जैसे,
मां शारदा भवानी,
बैठी है देखो कैसे ॥
हीरो जड़ी है नथनी,
सोने की पहने ककनी,
पाओ में पहने मुंदरी,
ओढे है लाल चुनरी,
चेहरा चमक रहा है,
पूनम के चाँद जैसे,
मैया सजी है ऐसे,
दुल्हन बनी हो जैसे,
मां शारदा भवानी,
बैठी है देखो कैसे ॥
पाओ में है महावल,
पायल है घुंघरू वाली,
आंखे है काली काली,
होठो पे लाल लाली,
माँ के नयन है ऐसे,
खिलते कमल हो जैसे,
मैया सजी है ऐसे,
दुल्हन बनी हो जैसे,
मां शारदा भवानी,
बैठी है देखो कैसे ॥
माँ शारदा भवानी,
बैठी है देखो कैसे,
मैया सजी है ऐसे,
दुल्हन बनी हो जैसे,
मां शारदा भवानी,
बैठी है देखो कैसे ॥
पौराणिक दृष्टिकोण से अमावस्या को दान-पुण्य, पितृ तर्पण और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने का दिन माना जाता है। मगर इस साल के वैशाख माह की अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है, जो 27 अप्रैल को पड़ रही है।
जून का महीना वर्ष का मध्य बिंदु लेकर आता है, जहां ग्रीष्म ऋतु के अंत के साथ ही मानसून की आहट मिलती है। इस मौसम परिवर्तन के साथ-साथ ग्रहों की स्थिति में भी कई महत्वपूर्ण बदलाव होंगेI
जून का महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से विशेष सावधानी की मांग करता है। जहां एक ओर बारिश का आगमन मौसम में ठंडक और नमी लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर यह संक्रमण, एलर्जी और पाचन संबंधी समस्याओं को भी बढ़ावा देता है।
जून का महीना प्रेम और रिश्तों के क्षेत्र में नए अवसर और भावनात्मक गहराई लेकर आ रहा है। कई राशियों को पुराने संबंधों में सुधार का अवसर मिलेगा, जबकि कुछ को थोड़ी सावधानी और धैर्य से काम लेना होगा।