भीलनी परम तपश्विनी,
शबरी जाको नाम ।
गुरु मतंग कह कर गए,
तोहे मिलेंगे राम ।
कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी
कब दर्शन देंगे राम दीन हितकारी
रास्ता देखत शबरी की उम्र गयी सारी ॥
कही कोई कांटा प्रभु को नहीं चुभ जाये
पग तन्मग्चारे चुन चुन पुष्प बिछाए
मीठे फल चख कर नित्य सजाये थारी
रास्ता देखत शबरी की उम्र गयी सारी
कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी
कब दर्शन देंगे राम दीन हितकारी
रास्ता देखत शबरी की उम्र गयी सारी ॥
श्री राम चरण मे प्राण बसे शबरी के
प्रभु दर्शन दे तो भाग जगे शबरी के
रघुनाथ प्राणनिधि पर जीवन बलिहारी
रास्ता देखत शबरी की उम्र गयी सारी
कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी
कब दर्शन देंगे राम दीन हितकारी
रास्ता देखत शबरी की उम्र गयी सारी ॥
कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी
कब दर्शन देंगे राम दीन हितकारी
रास्ता देखत शबरी की उम्र गयी सारी
हिंदू धर्म में रविवार का दिन भगवान सूर्यदेव को समर्पित है। इस दिन भक्त सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं व्रत रखते हैं। सूर्य देव को 9 ग्रहों में राजा माना गया है और इनकी पूजा से जीवन में कई सकारात्मक बदलाव हो सकते हैं।
हिंदू धर्म में भगवान परशुराम महान योद्धा और ऋषियों में से एक माने जाते हैं। वे भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं, जिन्हें धर्म की रक्षा और अधर्म के विनाश के लिए जाना जाता है।
परशुराम जयंती हर साल भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम की जयंती के रूप में अक्षय तृतीया की शुभ तिथि पर मनाई जाती है। इस साल यह पर्व 29 अप्रैल को पड़ रहा है।
भगवान परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं, जिनका जन्म ब्राह्मण कुल में हुआ था लेकिन उन्होंने क्षत्रिय धर्म अपनाया था। भगवान परशुराम के जन्म का उद्देश्य अधर्म और अत्याचार का अंत करना था।