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जो तू मिटाना चाहे, जीवन की तृष्णा (Jo Tu Mitana Chahe Jivan Ki Trishna)

जो तू मिटाना चाहे, जीवन की तृष्णा (Jo Tu Mitana Chahe Jivan Ki Trishna)

जो तू मिटाना चाहे,

जीवन की तृष्णा,

जो तू मिटाना चाहे,

जीवन की तृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा ॥


कृष्ण नाम पावन पावन,

कृष्ण नाम प्यारा प्यारा,

जो ना बोले कृष्णा कृष्णा,

जग से वो हारा हारा,

मन का मिटे अँधियारा,

बोल कृष्णा कृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा ॥


जिसको मिली ना पीड़ा,

सुख का मरम क्या जाने,

जो ना ध्याये कृष्णा कृष्णा,

नित का धरम क्या माने,

चाहे अगर उजियाला,

बोल कृष्णा कृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा ॥


छोड़ दे भटकना दर दर,

तोड़ दे अहम का घेरा,

भूल जा जगत के वैभव,

जग है दुखो का डेरा,

फिरे काहे मारा मारा,

बोल कृष्णा कृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा ॥


जो तू मिटाना चाहे,

जीवन की तृष्णा,

जो तू मिटाना चाहे,

जीवन की तृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा ॥

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रंग पंचमी पर चालीसा पाठ

रंग पंचमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे होली के पांचवें दिन मनाया जाता है। इसे बसंत महोत्सव के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा करने का महत्व बताया गया है।

बसंत सम्पात 2025: महत्व और अनुष्ठान

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अप्रैल 2025 व्रत-त्योहार

अप्रैल का महीना वसंत ऋतु की सुंदरता और त्योहारों की धूमधाम के साथ एक विशेष महत्व रखता है। यह माह प्रकृति के रंग-बिरंगे रूप को दर्शाता है। इस समय कई धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व मनाए जाते हैं जो हमारी संस्कृति और परंपराओं को दर्शाते हैं।

पापमोचनी एकादशी व्रत के नियम

पापमोचनी एकादशी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है, और मोक्ष की प्राप्ति करता है।

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