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जिसकी लागी रे लगन भगवान में (Jiski Lagi Re Lagan Bhagwan Mein)

जिसकी लागी रे लगन भगवान में (Jiski Lagi Re Lagan Bhagwan Mein)

जिसकी लागी रे लगन भगवान में,

उसका दिया रे जलेगा तूफान में।


जिसकी लागी रे लगन भगवान में,

उसका दिया रे जलेगा तूफान में।


तन का दिया मन की बाती, हरी भजन का तेल रे।

तन का दिया मन की बाती...

काहे को तू घबराता है, ये तो प्रभु का खेल रे।

काहे को तू घबराता है...

॥ जिसकी लागी रे लगन भगवान में...॥


इस दुनिया में कौन बनाये, सबके बिगड़े काम रे।

इस दुनिया में कौन बनाये...

अनहोनी को होनी करदे, उसका नाम है राम रे।

इस दुनिया में कौन बनाये...

॥ जिसकी लागी रे लगन भगवान में...॥


जिसकी लागी रे लगन भगवान में,

उसका दिया रे जलेगा तूफान में।


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विश्वेश्वर व्रत कथा

सनातन धर्म में प्राचीन काल से ही विश्वेश्वर व्रत भगवान शिव को समर्पित एक अत्यंत पवित्र व्रत है। इस व्रत को शिव जी की कृपा प्राप्त करने के उद्देश्य से रखा जाता है।

चंदा सिर पर है जिनके शिव (Chanda Sir Par Hai Jinke Shiv)

चंदा सिर पर है जिनके,
कानो में कुण्डल चमके,

चन्दन चौक पुरावा मंगल कलश सजावा (Chandan Chowk Purawa Mangal Kalash Sajawa)

चन्दन चौक पुरावा,
मंगल कलश सजावा,

चंदन है इस देश की माटी (Chandan Hai Is Desh Ki Mati)

चंदन है इस देश की माटी,
तपोभूमि हर ग्राम है ।

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