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जय हो बाबा विश्वनाथ (Jay Ho Baba Vishwanath)

जय हो बाबा विश्वनाथ (Jay Ho Baba Vishwanath)

जय हो बाबा विश्वनाथ,

जय हो भोले शंकर,

सदाशिव आशुतोष,

सदाशिव आशुतोष,

दानी तू दिगम्बर,

जय हों बाबा विश्वनाथ,

जय हो भोले शंकर ॥


जिसने भी तुझको,

तन मन से पूजा,

सारे जगत में,

नाम उसका गूंजा,

बनके राजा राज करे,

बनके राजा राज करे,

भटके का दर दर,

जय हों बाबा विश्वनाथ,

जय हो भोले शंकर ॥


तेरे दर्शन से पाप,

कट जाते सारे,

मिल जाती खुशियां,

हो जाते वारे न्यारे,

अपने भक्तों को देते,

अपने भक्तों तुम,

देते मुंह माँगा वर,

जय हों बाबा विश्वनाथ,

जय हो भोले शंकर ॥


काल का भी भय नहीं,

भोले उसे सताता,

आपकी शरण में,

जो बाबा चला आता,

‘लख्खा’ और ‘रितेश’ भी,

‘लख्खा’ और ‘रितेश’ भी,

जपे बम बम हर हर,

जय हों बाबा विश्वनाथ,

जय हो भोले शंकर ॥


जय हो बाबा विश्वनाथ,

जय हो भोले शंकर,

सदाशिव आशुतोष,

सदाशिव आशुतोष,

दानी तू दिगम्बर,

जय हों बाबा विश्वनाथ,

जय हो भोले शंकर ॥

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कल्पवास में खाने के नियम

हर साल माघ माह के दौरान कल्पवास के लिए प्रयागराज में भक्तों का जमावड़ा होता है, लेकिन इस बार का महाकुंभ माघ माह में होने के कारण इस संख्या में दोगुना इजाफा होने की उम्मीद है।

क्या कुंभ में स्नान करने से मिलता है मोक्ष

कुंभ की शुरुआत में अब 15 दिन से कम का समय रह गया है। 13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत होने वाली है। इस दौरान देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु और साधु-संत पवित्र नदियों में डुबकी लगाकर अपनी आस्था प्रकट करेंगे।

क्या यमदेव की पूजा कर सकते हैं?

हिंदू धर्म में यमदेवता को मृत्यु के देवता के रूप में पूजा जाता है। यमराज या यमदेवता को संसार में मृत्यु के बाद आत्माओं का न्याय करने वाला देवता माना जाता है। वे पाताल लोक (नरक) के शासक हैं और मृत आत्माओं का मार्गदर्शन करते हैं।

माघ मेला, कुंभ मेले से कैसे अलग है?

माघ माह का प्रारंभ होने जा रहा है। इस दौरान बड़ी संख्या में कल्पवासी संगम तट पर पहुंचने वाले हैं। पुराणों में भी इस महीने का वर्णन किया गया है। कहा जाता है कि इस महीने में भगवान विष्णु गंगा जल में निवास करते हैं। इसी कारण गंगा स्नान को विशेष धार्मिक महत्व प्राप्त है। धर्म ग्रंथों में इस महीने के दौरान गंगा स्नान के महत्व को विस्तार से बताया गया है।

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