Logo

हे शिव शम्भू नमस्तुभ्यं(Hey Shiv Shambhu Namastubhyam)

हे शिव शम्भू नमस्तुभ्यं(Hey Shiv Shambhu Namastubhyam)

हे शिव शम्भू नमस्तुभ्यं,

हे गंगाधर नमस्तुभ्यं,

महाकालम नमस्तुभ्यं,

हे नंदीश्वर नमस्तुभ्यं,

हे शिव शम्भु नमस्तुभ्यं,

हे गंगाधर नमस्तुभ्यं ॥


नमस्ते सुरप्रिया धारम,

नमस्ते युग सृजन हारम,

उमा नाथम नमस्तुभ्यं,

हे बाघेश्वर नमस्तुभ्यं,

हे शिव शम्भु नमस्तुभ्यं,

हे गंगाधर नमस्तुभ्यं ॥


नमस्ते पशुपति नाथम,

त्रयम्बक हे भुजंग धारम,

जटा धारम नमस्तुभ्यं,

हे रामेश्वरम नमस्तुभ्यं,

हे शिव शम्भु नमस्तुभ्यं,

हे गंगाधर नमस्तुभ्यं ॥


नमस्ते नील कंठेश्वर,

नमस्ते ओमकारेश्वर,

‘देवेंद्र कुलदीप’ करे वंदन,

हे करुणाकर नमस्तुभ्यं,

हे शिव शम्भु नमस्तुभ्यं,

हे गंगाधर नमस्तुभ्यं ॥


हे शिव शम्भू नमस्तुभ्यं,

हे गंगाधर नमस्तुभ्यं,

महाकालम नमस्तुभ्यं,

हे नंदीश्वर नमस्तुभ्यं,

हे शिव शम्भु नमस्तुभ्यं,

हे गंगाधर नमस्तुभ्यं ॥

........................................................................................................
मां बगलामुखी

दस महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या हैं बगलामुखी, मां की साधना से मिलेंगे लाभ

उत्तराखंंड के 5 प्रसिद्ध देवी मंदिर

उत्तराखंड में बसे हैं मां के 05 विशेष मंदिर, दर्शन करने से सफल हो जाती है प्रत्येक मनोकामना

सप्त मातृकाओं में ब्रह्माणी

सप्त मातृकाओं में ब्रह्माणी का प्रथम स्थान, मां के चार सिर और छह भुजाएं

सप्त मातृकाओं की छठी शक्ति इंद्राणी

सप्त मातृकाओं की छठी शक्ति इंद्राणी, जानें मां से जुड़ी पौराणिक कथा

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang