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हरे राम हरे रामा, जपते थे हनुमाना (Hare Ram Hare Rama Japte The Hanumana)

हरे राम हरे रामा, जपते थे हनुमाना  (Hare Ram Hare Rama Japte The Hanumana)

हरे राम हरे रामा,

जपते थे हनुमाना,

इस मंत्र कि महिमा को,

सारे जग ने जाना ॥


जब केवट ने मुख से,

इस मंत्र के बोल पढ़े,

त्रिलोकपति आकर,

केवट की नाव चढ़े ॥


हरे राम हरें रामा,

जपते थे हनुमाना,

इस मंत्र कि महिमा को,

सारे जग ने जाना ॥


इस मंत्र की महिमा को,

भिलनी ने जान लिया

रघुवर खुद घर आए,

कितना सम्मान किया ॥


हरे राम हरें रामा,

जपते थे हनुमाना,

इस मंत्र कि महिमा को,

सारे जग ने जाना ॥


इस मंत्र से हनुमत ने,

सागर को पार किया,

उस कपटी रावण की,

लंका को उजाड़ दिया ॥


हरे राम हरें रामा,

जपते थे हनुमाना,

इस मंत्र कि महिमा को,

सारे जग ने जाना ॥


इस मंत्र से हार गया,

रावण सा बलशाली,

इस मंत्र से तुलसी ने,

रामायण लिख डाली ॥


हरे राम हरें रामा,

जपते थे हनुमाना,

इस मंत्र कि महिमा को,

सारे जग ने जाना ॥


हरे राम हरे रामा,

जपते थे हनुमाना,

इस मंत्र कि महिमा को,

सारे जग ने जाना ॥

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किस मुहूर्त में करें पहला शाही स्नान

प्रयागराज महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है। इस दिन पहला शाही स्नान भी होगा। बड़ी संख्या में साधु संत और श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर स्नान करेंगे। बता दें कि हिंदू धर्म में शाही स्नान की परंपरा बेहद पुरानी रही है।

61 कलश ठंडे पानी से नहाते हैं नागा साधु

महाकुंभ का मेला भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक अहम हिस्सा है। इस मेले में नागा साधुओं की उपस्थिति एक अलग ही आकर्षण का केंद्र होती है। ये साधु अपने अद्भुत तप और हठ योग के लिए जाने जाते हैं। कड़ाके की ठंड में भी निर्वस्त्र रहकर ध्यान लगाना और ठंडे पानी से स्नान करना उनके लिए आम बात है।

लेटे हनुमान जी मंदिर, प्रयागराज

उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी प्रयागराज में एक अनोखा और रहस्यमयी मंदिर स्थित है। इस मंदिर में हनुमान जी की विशाल लेटी हुई प्रतिमा की पूजा होती है, जो दुनिया में कहीं और नहीं देखी जाती।

नासिक में कब लगेगा कुंभ मेला

कुंभ मेला, जो भारत की प्राचीन धार्मिक परंपराओं और मान्यताओं का हिस्सा है, हर 12 साल में चार पवित्र स्थानों—प्रयागराज (इलाहाबाद), हरिद्वार, उज्जैन और नासिक—में आयोजित होता है।

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