हाजीपुर केलवा महँग भेल हे धनिया
छोड़ी देहु आहे धनि छठी रे वरतिया
हाजीपुर नारियल महँग भेल हे धनिया
छोड़ी देहु आहे धनि छठी रे वरतिया
हम कैसे छोड़ब प्रभु छठी रे वरतिया
हम कैसे छोड़ब प्रभु छठी रे वरतिया
छठी रे वरतिया मोरा प्राण के अधरबा
छठी रे वरतिया मोरा प्राण के अधरबा
छठी रे वरतिया मोरा अवध सेनोरबा
छठी रे वरतिया मोरा अवध सेनोरबा
दउरा गोल सुपवा महँग भेल हे धनिया
कोरवा गेहुंअवा महँग भेल हे धनिया
छोड़ी देहु आहे धनि छठी रे वरतिया
हम नहीं छोड़ब प्रभु छठी रे वरतिया
छठिया करइते बढ़ल कुल परिबरवा
छठी रे वरतिया मोरा प्राण के अधरबा
हम कैसे छोड़ब प्रभु छठी रे वरतिया
छठी रे वरतिया देल गोदी के बलकबा
अन धन लक्ष्मी बढ़ल नैहर ससुरवा
हाजीपुर केलवा महँग भेल हे धनिया
छोड़ी देहु आहे धनि छठी रे वरतिया
हम नहीं छोड़ब प्रभु छठी रे वरतिया
चैत्र नवरात्रि और सालभर में पड़ने वाली सभी नवरात्रियों में अखंड ज्योति जलाई जाती है। अखंड ज्योति का अर्थ है—ऐसी ज्योति जो खंडित न हो। नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से माता रानी प्रसन्न होती हैं और उनके आशीर्वाद से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
मुख्य रूप से नवरात्रि में माता पार्वती के सभी रूपों की पूजा की जाती है, लेकिन देवी के सभी रूप आम लोगों के लिए नहीं होते। यही कारण है कि साल में चार नवरात्रि होने के बावजूद केवल दो नवरात्रि ही आम लोगों द्वारा मनाई जाती हैंI
नवरात्रि में देवी की साधना और अध्यात्म का अद्भुत संगम होता है। इन दिनों में मां दुर्गा की पूजा करने से सभी प्रकार के दुख एवं परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
आज 01 अप्रैल 2025 चैत्र माह का सोलहवां दिन है और आज इस पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष तिथि चतुर्थी है। वहीं आज मंगलवार का दिन है। इस तिथि पर विष्कम्भ योग और प्रीति योग है।