उत्तराखंड के नैनीताल जिले में रामनगर के पास कोसी नदी के बीचों-बीच एक टीले पर गर्जिया देवी का मंदिर स्थित है। गर्जिया देवी को देवी पार्वती का अवतार माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यहां पर जो भी सच्चे मन से मनोकामना मांगी जाती है, वो पूरी हो जाती है। वैसे तो यहां सालों भक्तों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन खासकर नवरात्रि के दौरान यहां दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। बताया जाता है कि महाभारत काल में राजा विराट ने यहां देवी की तपस्या की थी। तब से ही टीले में शक्तिपुंज की स्थापना हुई।
देवभूमि उत्तराखंड में हरे-भरे जंगलों में बहती कोसी नदी के बीच में एक छोटे से टीले पर स्थित है माता का मंदिर। मान्यता है कि यहां जो भी भक्त सच्चे मन से मनोकामना लेकर आता है, मां उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। बता दें कि माता के दर्शन के लिए भक्तों को माता के दरबार में पहुंचने के लिए 90 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। बताया जाता है कि है कि कभी यहां पर शेर आकर माता के मंदिर की परिक्रमा और गर्जना किया करते थे। तभी से लोग इसे गर्जिया माता के मंदिर के नाम से बुलाने लगे। माता के धाम के ठीक नीचे भगवान भैरव का मंदिर भी बना हुआ है। मान्यता है कि भगवान भैरव के दर्शन करने के बाद ही माता की पूजा पूरी होती है। बता दें कि भगवान भैरों को यहां पर विशेष रूप से खिचड़ी प्रसाद चढ़ता है। वैसे तो आप इस मंदिर के दर्शन करने कभी भी जा सकते हैं, लेकिन इस मंदिर के दर्शन करने का सबसे सही समय नवंबर और दिसंबर है। इस समय रामनगर का मौसम अच्छा होता है।
यह मंदिर कार्बेट नेशनल पार्क से महज 10 किमी की दूर पर है। आप रामनगर बस या ट्रेन से भी पहुंच सकते हैं।
चैत्र नवरात्रि के समय वातावरण में नई ऊर्जा और भक्ति का संचार होता है। मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के साथ श्रद्धालु कई पारंपरिक रीति-रिवाज भी करते हैं।
चैत्र नवरात्रि 2025 का शुभारंभ 30 मार्च से होगा और 7 अप्रैल को इसका समापन होगा। यह नौ दिनों का पर्व न केवल भक्ति और साधना के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि धन-लाभ और आर्थिक वृद्धि के लिए भी बेहद प्रभावी माना जाता है।
चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का विशेष महत्व होता है। भक्त पूरे श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं और देवी मां को प्रसन्न करने के लिए अनेक उपाय अपनाते हैं।
सनातन धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। यह पर्व मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना के लिए मनाया जाता है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 से 6 अप्रैल 2025 तक मनाई जाएगी।