Aaj Ka Panchang 27 March 2025: आज 27 मार्च 2025 चैत्र माह का ग्यारहवां दिन है और आज इस पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष तिथि त्रयोदशी है। वहीं आज गुरूवार का दिन है। इस तिथि पर सुबह 09 बजकर 25 मिनट तक साध्य योग रहेगा, इसके बाद शुभ योग रहेगा। वहीं चंद्रमा कुंभ राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज गुरूवार के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। इस दिन राहुकाल दोपहर 01 बजकर 59 मिनट से दोपहर 03 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। आज तिथि के हिसाब से आप गुरूवार का व्रत रख सकते हैं। गूरूवार का व्रत भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति को समर्पित है। ध्यान रहे कि ये अवधि पंचक की चल रही है, इस दौरान सभी प्रकार के शुभ कार्य वर्जित रहते हैं। साथ ही आपको बता दें कि आज मासिक शिवरात्रि है और प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा। आज के दिन कुछ समय के लिए भद्रा का भी साया रहेगा। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है और आज के दिन किन मंत्रों का जाप करने से लाभ हो सकता है।
कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि प्रारंभ- 27 मार्च प्रात:काल 01:42 बजे
कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि समाप्त- 27 मार्च रात्रि 11:03 बजे
आज आप गुरूवार का व्रत रख सकते हैं, जो कि भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति को समर्पित है। इसके अलावा आज मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत भी है।
27 मार्च को साध्य और शुभ योग बन रहा है। इन दोनों ही योगों को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये श्रेष्ठ माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से आपको अपने जीवन में सफलता, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति हो सकती है। आज के दिन दान-पुण्य करने से आपको पुण्य मिलेगा और आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे। वहीं आज गुरूवार का दिन है और साथ ही प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि भी है । ऐसे में आप आज भगवान विष्णु और भगवान भोलेनाथ की पूजा विधवत रूप से करें। साथ ही इस दिन पीले रंग की वस्तुओं जैसे चने की दाल, केले, हल्दी और पीले वस्त्रों का दान करना शुभ माना जाता है। साथ ही आज मासिक शिवरात्रि भी है, ऐसे में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी आदि से शिवलिंग का अभिषेक करें। फिर बेलपत्र, भांग और धतूरा अर्पित करें। दीपक जलाएं और 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें। इस दिन गरीबों को भोजन और कपड़े का दान भी अवश्य करें। साथ ही बता दें कि प्रदोष व्रत में भगवान महादेव की पूजा की जाती है और उपवास किया जाता है। यह प्रदोष व्रत करने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते है और उन्हें शिव धाम की प्राप्ति होती है।
आज शतभिषा नक्षत्र है। इसे अधिकांश शुभ कार्यों के लिये सामान्य माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। साथ ही चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि और मासिक शिवरात्रि है। ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की विधिवत रूप से पूजा करें।
करे हाहाकार निःशब्द सदा
ओ गंगा तुम, गंगा बहती हो क्यूँ?
गाइये गणपति जगवंदन ।
शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥
गंगा के खड़े किनारे
भगवान् मांग रहे नैया
बम बम बम बम भोला
बम बम बम बम भोला