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21 June 2025 Panchang (21 जून 2025 का पंचांग)

21 June 2025 Panchang (21 जून 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 21 जून 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह

Aaj Ka Panchang 21 June 2025: आज 21 जून 2025 को आषाढ़ माह का दसवां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष तिथि दशमी है। आज शनिवार का दिन है। सूर्य मिथुन राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा मेष में प्रवेश रहेंगे। आपको बता दें, आज शनिवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:55 ए एम से 12:51 पी एम तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 08:53 ए एम से 10:38 ए एम तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं, जो न्याय के देवता शनि देव को समर्पित होता है। आज योगिनी एकादशी का भी त्योहार है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 

आज का पंचांग 21 जून 2025

  • तिथि - आषाढ़ कृष्ण पक्ष दशमी तिथि  
  • नक्षत्र - मृगशिरा
  • दिन/वार - शनिवार
  • योग - अतिगण्ड और सुकर्मा 
  • करण - विष्टि बव, बालव और कौलव  

आषाढ़ कृष्ण पक्ष दशमी तिथि प्रारंभ - 09:49 ए एम से, 20 जून 

आषाढ़ कृष्ण पक्ष दशमी तिथि समाप्त - 07:18 ए एम तक

सूर्य-चंद्र गोचर

  • सूर्य - सूर्य देव मिथुन राशि में रहेंगे।  
  • चंद्र - चंद्रमा मेष राशि में रहेंगे।  

सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त

  • सूर्योदय - 05:24 ए एम 
  • सूर्यास्त - 07:22 पी एम 
  • चन्द्रोदय - 02:08 ए एम, जून 22
  • चन्द्रास्त - 03:03 पी एम 

आज का शुभ मुहूर्त और योग 21 जून 2025

  • ब्रह्म मुहूर्त - 04:04 ए एम से 04:44 ए एम
  • अभिजीत मुहूर्त - 11:55 ए एम से 12:51 पी एम 
  • अमृत काल - 01:12 पी एम से 02:41 पी एम
  • विजय मुहूर्त - 02:43 पी एम से 03:39 पी एम 
  • गोधूलि मुहूर्त - 07:21 पी एम से 07:41 पी एम
  • संध्या मुहूर्त - 07:22 पी एम से 08:22 पी एम

आज का अशुभ मुहूर्त 21 जून 2025

  • राहु काल - 08:53 ए एम से 10:38 ए एम
  • गुलिक काल - 05:24 ए एम से 07:09 ए एम
  • यमगंड - 02:08 पी एम से 03:53 पी एम।  
  • दिशाशूल - पूर्व, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
  • वर्ज्य - 04:09 पी एम से 05:37 पी एम, 04:33 ए एम, जून 22 से 06:00 ए एम, जून 22
  • विडाल योग - 05:24 ए एम से 07:50 पी एम 
  • गण्ड मूल - नहीं हैं 
  • भद्रा - 05:24 ए एम से 07:18 ए एम

21 जून 2025 पर्व/त्योहार/व्रत

  • शनिवार का व्रत - आज आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं, जो न्याय के देवता शनि देव को समर्पित है। 
  • शनिवार के उपाय - शनिवार के दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। इस दिन भगवान शनि की पूजा करना शुभ माना जाता है। शनिवार के दिन काले वस्त्र धारण करने, काले तिल, काले चने और काली उड़द का दान करने से भी लाभ होता है। इसके अलावा, इस दिन शनि मंदिर में जाकर भगवान शनि की पूजा करने से शनि की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आने वाली समस्याएं दूर होती हैं।

योगिनी एकादशी का उपाय और महत्व 

योगिनी एकादशी, आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है और इसे पापों का नाश करने वाली तथा रोगों से मुक्ति दिलाने वाली एकादशी माना गया है। इस व्रत का महत्व इतना है कि इसके प्रभाव से व्यक्ति को सभी लोकों में मान-सम्मान प्राप्त होता है और विशेष रूप से स्वास्थ्य संबंधी कष्टों से राहत मिलती है। स्कंद पुराण के अनुसार, यह व्रत 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य देता है। इस दिन उपवास रखकर भगवान विष्णु का तुलसी पत्र, पंचामृत, फल व धूप-दीप से पूजन करें और विष्णु सहस्रनाम या "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें। व्रत कथा सुनना और जरूरतमंदों को अन्न-वस्त्र का दान करना भी विशेष पुण्यदायक माना जाता है।

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नरसिंह जयंती कथा

नरसिंह जयंती, भगवान विष्णु के चौथे अवतार नरसिंह के प्रकट होने की तिथि है, जो भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए प्रकट हुए थे और दैत्यराज हिरण्यकश्यप का वध किया था।

नरसिंह जयंती पूजा विधि

नरसिंह जयंती भगवान विष्णु के चौथे अवतार, नरसिंह भगवान के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाई जाती है। यह पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आता है।

नरसिंह जयंती पर भक्त प्रह्लाद कथा

नरसिंह जयंती हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन पर्व है, जिसे वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान विष्णु के चौथे अवतार, नरसिंह अवतार के प्रकट होने की स्मृति में मनाया जाता है।

प्रदोष व्रत: श्री शिव रुद्राष्टकम का पाठ

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, जो भगवान शिव को समर्पित होता है। यह व्रत प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है और इसका पालन करने से व्यक्ति को मानसिक तथा सांसारिक लाभ प्राप्त होते हैं। इस वर्ष शुक्रवार 9 मई को भी यह व्रत श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पुण्यदायक रहेगा।

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