तेरे बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे,
हमारा नहीं कोई रे,
सहारा नहीं कोई रे,
तेरें बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे ॥
अमुवा की डाली पे
पिंजरा टंगाया,
उड गया सूवा,
पढ़ाया नहीं कोई रे,
तेरें बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे ॥
गहरी गहरी नदियाँ,
नाव पुरानी,
डूबण लागी नाव,
बचाया नहीं कोई रे,
तेरें बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे ॥
भाई और बंधू,
कुटुम्ब कबीलो,
बिगड़ी जो बात,
बनाया नहीं कोई रे,
तेरें बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे ॥
कहत कबीर,
सुनो भाई साधो,
गुरु बिन ज्ञान,
सिखाया नहीं कोई रे,
तेरें बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे ॥
तेरे बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे,
हमारा नहीं कोई रे,
सहारा नहीं कोई रे,
तेरें बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे ॥
आस्था, शुद्धता और तपस्या का महापर्व छठ पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल के तराई इलाकों में बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है।
मकर संक्रांति की ग्रह स्थिति तब बनती है जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है। इसे सूर्य का मकर संक्रांति में गोचर कहा जाता है। यही समय मकर संक्रांति का प्रमुख क्षण माना जाता है।
पोंगल दक्षिण भारत का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे खासकर तमिलनाडु में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार सूर्य देवता की उपासना का प्रतीक है और खासकर कृषि उत्पादकता और समृद्धि से जुड़ा हुआ है।
श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाने वाली हरियाली तीज महिलाओं के लिए अत्यंत पावन और भावनात्मक पर्व होता है।