तेरे दर पे आ तो गया हूँ,
राह दिखा दे मुझको काबिल कर दे,
दुखियन पे किरपा करो करूँ तेरी सेवा,
जय महेश जय महादेवा,
जय महेश जय महादेवा ॥
आँख में आंसू लब पर तू है,
मेरा जो है मेरा सब कुछ तू है,
मेरी भी झोली भरो करूँ तेरी सेवा,
जय महेश जय महादेंवा,
जय महेश जय महादेंवा ॥
दुनिया ताने मार रही है,
दुखिया मुझको पुकार रही है,
दुःख मेरे दूर करो करूँ तेरी सेवा,
जय महेश जय महादेंवा,
जय महेश जय महादेंवा ॥
तेरे दर पे आ तो गया हूँ,
राह दिखा दे मुझको काबिल कर दे,
दुखियन पे किरपा करो करूँ तेरी सेवा,
जय महेश जय महादेवा,
जय महेश जय महादेवा ॥
माता जानकी का जन्म अष्टमी तिथि को हुआ था, जब राजा जनक ने एक दिन खेत जोतते समय एक कन्या को पाया। उन्होंने उसे अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया और उसका पालन-पोषण किया।
हिंदू धर्म में जानकी जयंती का विशेष महत्व है, जिसे माता सीता के अवतरण का दिन माना जाता है। इस दिन व्रत, पूजा-पाठ और दान-पुण्य का विशेष महत्व है।
हिंदू धर्म में जानकी जयंती का बहुत महत्व है। इस पर्व को माता सीता के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। साल 2025 में जानकी जयंती आज यानी 21 फरवरी, शुक्रवार को मनाई जाएगी।
हिंदू धर्म में भगवान राम और माता सीता की पूजा बहुत शुभ और कल्याणकारी मानी गई है। देवी सीता को जानकी के नाम से भी जाना जाता है, वे जगत जननी मां लक्ष्मी का स्वरूप हैं।