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हर रोती हुई आँख को हंसा तेरी मेहरबानी होवेगी (Har Roti Hui Aankh Ko Hansa Teri Meharbaani Hovegi)

हर रोती हुई आँख को हंसा तेरी मेहरबानी होवेगी (Har Roti Hui Aankh Ko Hansa Teri Meharbaani Hovegi)

हर कदम पे तुम्हे होगा,

आभास सांवरे का,

चाहे कुछ भी हो ना डगमग हो,

विश्वास सांवरे का,

हर कदम पे तुम्हें होगा,

आभास सांवरे का ॥


दुनिया से आँखें बंद करके,

मन की आँखों को खोल ज़रा,

बेमतलब की बातें छोड़ो,

जय बाबा की तू बोल ज़रा,

दिल के अंदर तुम्हे होगा,

एहसास सांवरे का,

हर कदम पे तुम्हें होगा,

आभास सांवरे का ॥


चलकर के देखो तुम एक बार,

मेरे साँवलिये की राहों में,

गिरने के पहले थामेगा,

ये आकर अपनी बाँहों में,

तेरे मन में ही मिलेगा,

तुम्हे वास सांवरे का,

हर कदम पे तुम्हें होगा,

आभास सांवरे का ॥


‘सूरज’ कुछ ऐसा काम करो,

सांवरिया हो तुमसे राजी,

हारे को जो अपनाओगे,

जीतोगे फिर तुम हर बाजी,

बन जायेगा फिर तू,

बड़ा ख़ास सांवरे का,

हर कदम पे तुम्हें होगा,

आभास सांवरे का ॥


हर कदम पे तुम्हे होगा,

आभास सांवरे का,

चाहे कुछ भी हो ना डगमग हो,

विश्वास सांवरे का,

हर कदम पे तुम्हें होगा,

आभास सांवरे का ॥

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ना जाने आज क्यो फिर से, तुम्हारी याद आई है (Na Jaane Aaj Kyu Fir Se Tumhari Yaad Aayi Hai)

ना जाने आज क्यों फिर से,
तुम्हारी याद आई है ॥

ना जाने कौन से गुण पर, दयानिधि रीझ जाते हैं (Na Jane Kaun Se Gun Par Dayanidhi Reejh Jate Hain)

ना जाने कौन से गुण पर,
दयानिधि रीझ जाते हैं ।

ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की (Na Jee Bhar Ke Dekha Naa Kuch Baat Ki)

ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की,
बड़ी आरजू थी, मुलाकात की ।

ना मन हूँ ना बुद्धि ना चित अहंकार (Na Mann Hun Na Buddhi Na Chit Ahankar)

ना मन हूँ, ना बुद्धि, ना चित अहंकार
ना जिव्या नयन नासिका करण द्वार

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