सारे हार गए जोर लगाई करके,
हनुमान ने कर दिया काम,
चुटकी बजाई करके ॥
सीता को रावण हर लाया,
चिंतित थे श्री राम,
सात समंदर लांघे कैसे,
कौन करे ये काम,
सिया की सुध ल्याया,
लंका जलाई करके,
हनूमान ने कर दिया काम,
चुटकी बजाई करके ॥
शक्ति बाण लगी लक्ष्मण को,
घबराए श्री राम,
कौन है ऐसा वीर,
बचाए लक्ष्मण जी के प्राण,
बचाया लक्ष्मण को,
संजीवन लाए करके,
हनूमान ने कर दिया काम,
चुटकी बजाई करके ॥
भक्तों का ये संकट काटे,
संकट मोचन नाम,
‘सौरभ मधुकर’ बजरंगी का,
सालासर में धाम,
अपने भक्तो को,
गले से लगाए करके,
हनूमान ने कर दिया काम,
चुटकी बजाई करके ॥
सारे हार गए जोर लगाई करके,
हनुमान ने कर दिया काम,
चुटकी बजाई करके ॥
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत महादेव और माता पार्वती को समर्पित है।
प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा को समर्पित है। इस दिन व्रत और पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं।
प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा को समर्पित है। इस दिन व्रत और पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं।
चैत्र मास की अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या भी कहते हैं। यह तिथि पितृ तर्पण, श्राद्ध और खास उपायों के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।