आदितमल के पक्की रे सड़कीया,
कुजडा छानेला दोकान,
कुजडा छानेला दोकान ।
आदितमल के पक्की रे सड़कीया,
कुजडा छानेला दोकान,
कुजडा छानेला दोकान ।
घोडवा चढल अईले कवन देव,
करे लगले नरियर के मोल,
करे लगले फलवा के मोल ।
हाली हाली कर भैया मोलवा
भईले अरघीया के जून,
भईले अरघीया के जून ।
उगी ना आदितमल चमक से,
अरघ लिहीना मन से,
अरघ लिहीना मन से।
मनसा दिहीना पूराए,
मनसा दिहीना पूराए।
शास्त्रों मोक्षदा एकादशी का व्रत बेहद मंगलकारी माना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है और यह सबसे पावन दिनों में से एक माना जाता है।
हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। इस वर्ष 11 दिसंबर 2024 को यह पावन पर्व मनाया जाएगा। इस दिन गीता जयंती का भी पर्व होता है।
11 दिसंबर 2024 को मोक्षदा एकादशी के पावन अवसर पर शुक्र देव श्रवण नक्षत्र में गोचर करेंगे। शुक्र ग्रह को सुख, ऐश्वर्य, और भौतिक संपन्नता का कारक माना जाता है।
प्रत्येक एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इसी प्रकार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली मोक्षदा एकादशी को मोक्ष प्रदान करने वाली तिथि माना जाता है।