Aaj Ka Ank Jyotish, 3 June 2025: अंक ज्योतिष (Numerology) एक ऐसा विज्ञान है जो हमारे जन्म की तारीखों और नामों के आधार पर हमारे जीवन के रहस्यों को खोलता है। हर तारीख अपने साथ खास ऊर्जा और संकेत लेकर आती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि आज का दिन विभिन्न मूलांकों के लिए कैसा रहेगा।
आज आप में आत्मविश्वास की कमी नहीं होगी। ऑफिस में आपके काम की सराहना हो सकती है। किसी बड़े प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी मिलेगी। लेकिन अति आत्मविश्वास से बचें।
आज भावनाएं हावी रह सकती हैं। घर या संबंधों में छोटी-मोटी कहासुनी हो सकती है, लेकिन समझदारी से मामला सुलझेगा। फाइनेंशियल फैसले सोच-समझकर लें।
शिक्षा और कला क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह दिन शानदार है। कोई रुकी हुई योजना आज आगे बढ़ सकती है। माता-पिता से सलाह लें, लाभ मिलेगा।
आज आपके काम में कुछ समस्या आ सकती है। इलेक्ट्रॉनिक सामान से परेशानी हो सकती है। धैर्य बनाए रखें। किसी पुराने दोस्त से मिलकर मूड अच्छा हो जाएगा।
व्यापारियों के लिए दिन फायदेमंद है। कोई नया सौदा पक्का हो सकता है। यात्रा के योग बन रहे हैं, लेकिन सेहत का ध्यान रखें। बोलने से पहले सोचें।
आज आप आकर्षण का केंद्र बने रहेंगे। जीवनसाथी के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा। फैशन या डिजाइन से जुड़े लोगों को सफलता मिल सकती है।
ध्यान और योग करने से मानसिक शांति मिलेगी। आज का दिन खुद को समझने का है। किसी रहस्य या गूढ़ विषय में रुचि बढ़ेगी। अकेले रहने का मन करेगा।
धन संबंधित मामलों में सतर्कता जरूरी है। निवेश से पहले सोच-विचार कर लें। कोर्ट-कचहरी के मामलों से दूरी बनाएं। आज मेहनत ज्यादा, परिणाम कम होगा।
चूंकि आज का मूलांक भी 9 है, तो यह दिन आपके लिए खास रहेगा। उत्साह और जोश से भरे रहेंगे। लेकिन गुस्से पर काबू रखें। नया काम शुरू करने के लिए उत्तम दिन है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
एक पौराणिक कथा है जिसके अनुसार जब प्रह्लाद भगवान विष्णु की स्तुति गाने के लिए अपने पिता हिरण्यकश्यप के सामने अड़ गए, तो हिरण्यकश्यप ने भगवान हरि के भक्त प्रह्लाद को आठ दिनों तक यातनाएं दीं।
होलाष्टक का सबसे महत्वपूर्ण कारण हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद की कथा से जुड़ा है। खुद को भगवान मानने वाला हिरण्यकश्यप अपने बेटे प्रह्लाद की भक्ति से नाराज था।
हिंदू पंचांग के अनुसार होलाष्टक होली से पहले आठ दिनों की एक विशेष अवधि है, जो फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से होलिका दहन तक चलती है। इस अवधि के दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार होली का त्योहार फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन से पहले होलिका दहन किया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।