Aaj Ka Ank Jyotish, 19 June 2025: आज का दिन यानी 19 जून 2025, अंक ज्योतिष के अनुसार कई लोगों के लिए शुभ साबित हो सकता है। आपको बता दें कि मूलांक उस अंक को कहते हैं जो आपकी जन्म तारीख (केवल तारीख) को जोड़कर प्राप्त होता है। ऐसे में आइए जानते हैं 19 जून 2025 का अंक ज्योतिष राशिफल। जानिए आपके मूलांक के आधार पर आज का दिन कैसा रहेगा। प्रेम, करियर, सेहत और भाग्य के क्षेत्र में किस मूलांक को मिलेगी सफलता और किन्हें रखनी होगी सावधानी। जन्मतिथि से जानें अपनी आज की स्थिति।
आज आत्मविश्वास से भरे रहेंगे। कामकाज में तेजी आएगी और अधिकारी वर्ग से तारीफ मिल सकती है। कोई नया प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए दिन अनुकूल है। प्रेम जीवन में हल्की खटपट हो सकती है, धैर्य बनाए रखें।
भावनाएं हावी रह सकती हैं। किसी करीबी से भावनात्मक बातचीत होगी जो दिल को सुकून देगी। नौकरी में स्थिरता रहेगी, लेकिन कोई नया काम शुरू करने से पहले सोच-विचार करें।
आपके लिए आज का दिन तरक्की लाने वाला हो सकता है। उच्च अधिकारी आपसे प्रसन्न रहेंगे। विद्यार्थियों को पढ़ाई में सफलता मिलेगी। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी।
थोड़ा तनाव भरा दिन हो सकता है। आज कोई गलतफहमी आपको परेशान कर सकती है। आर्थिक मामलों में सतर्क रहें और उधारी से बचें। संतान से जुड़ी चिंता हो सकती है।
आपकी कम्युनिकेशन स्किल आज आपका सबसे बड़ा हथियार बन सकती है। आज कोई डील या मीटिंग आपके पक्ष में जा सकती है। यात्रा के योग भी हैं। रोमांटिक मामलों में दिन बढ़िया रहेगा।
आज आप अपने सौंदर्य और कला के प्रति रुझान के कारण तारीफ पाएंगे। किसी पुराने दोस्त से मुलाकात संभव है। आर्थिक दृष्टि से दिन अच्छा रहेगा। प्रेमी जोड़ों के लिए दिन यादगार हो सकता है।
आध्यात्मिक रुझान बढ़ेगा। अकेले समय बिताना पसंद करेंगे। करियर में कोई नई दिशा मिल सकती है। भावनात्मक रूप से थोड़ा अस्थिर महसूस कर सकते हैं। जीवनसाथी का सहयोग प्राप्त होगा।
कामकाज में व्यस्तता बनी रहेगी। आज आपको अपनी मेहनत का फल मिलने वाला है। आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। कोर्ट-कचहरी से जुड़े मामलों में लाभ हो सकता है। स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है।
आज का दिन आपके लिए एनर्जी से भरपूर रहेगा। जोश में आकर कोई गलत निर्णय ना लें। किसी पुराने शत्रु से टकराव हो सकता है, इसलिए संयम बनाए रखें। प्रेम संबंधों में मधुरता आएगी।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
पौराणिक मान्यता है कि देव उठनी एकादशी पर भगवान विष्णु अपनी योग निद्रा से जाग कर एक बार पुनः संसार के संचालन की कमान अपने हाथों में ले लेते हैं।
सनातन धर्म में सभी तिथि किसी ना किसी देवी-देवता को ही समर्पित है। इसी प्रकार से हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होती है।
“बोर भाजी आंवला, उठो देव सांवला।” ये कहावत तो हर किसी ने अपने घर में सुनी होगी। दरअसल, ये वही कहावत है जिसके द्वारा हर किसी के घर में देव उठनी ग्यारस के दिन भगवान का आह्वान होता है।
चातुर्मास यानी चौमासा में सारे मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। वहीं, आषाढ़ माह की आखिरी एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है।