हनुमान जी का जन्मोत्सव हर वर्ष चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। उनकी कृपा से व्यक्ति को सभी प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। अभिजीत मुहूर्त में पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। साथ ही, हनुमान जी अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं भी पूरी करते हैं। इसलिए, देशभर में हनुमान जी का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। तो आइए, इस आर्टिकल में हनुमान जयंती की पूरी पूजा-विधि, शुभ मुहूर्त, भोग और मंत्रों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, अंजना एक अप्सरा थीं, जिन्हें एक श्राप के कारण पृथ्वी पर जन्म लेना पड़ा था। यह श्राप तभी समाप्त हो सकता था जब वे एक संतान को जन्म देतीं। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, महाराज केसरी बजरंगबली जी के पिता थे। वे सुमेरु पर्वत के राजा थे और बृहस्पति के पुत्र थे। अंजना ने संतान प्राप्ति के लिए 12 वर्षों तक भगवान शिव की घोर तपस्या की, जिसके फलस्वरूप उन्हें हनुमान जी के रूप में पुत्र की प्राप्ति हुई। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी भगवान शिव के ही अवतार हैं।
हनुमान जयंती, चैत्र पूर्णिमा (हिंदू माह चैत्र की पूर्णिमा) शनिवार, 12 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी।
पूजा मुहूर्त: सुबह 3:21 बजे से सुबह 5:51 बजे तक रहेगा।
शास्त्रों के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त में पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी के इस मंत्र का अवश्य जाप करें:
"ॐ हनु हनु हनु हनुमते नमः"
इस मंत्र के जाप से जीवन में आए हर संकट नष्ट हो जाते हैं, और हनुमान जी की कृपा व्यक्ति एवं उसके पूरे परिवार पर बनी रहती है।
डाल रही वरमाला अब तो जानकी,
धनुष तोड़ा शिव जी का,
दादी चरणों में तेरे पड़ी,
मैया तुझको निहारूं खड़ी,
दादी झुंझुनू बुलाए,
मेरा मन हर्षाये,
दादी के दरबार की,
महिमा अपरम्पार,